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पुलिसकर्मियों की ही मदद से बरी हो गया कुख्यात गैंगस्टर अमन सिंह, उसके सहयोगी भी हुए दोषमुक्त

पुलिसकर्मियों की ही मदद से धनबाद का कुख्यात गैंगस्टर अमन सिंह बरी हो गया. वहीं, अमन सिंह के सहयोगियों को भी कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया. मामले में डीजीपी ने प्राथमिकी दर्ज कर सीआईडी को जांच का आदेश दिया.

रांची, प्रणव : धनबाद के बैंक मोड़ थाना में पदस्थापित रहे दो सिपाही की गवाही नहीं देने के कारण धमकी और रंगदारी मामले में आरोपी कोयलांचल का गैंगस्टर अमन सिंह, उत्तरप्रदेश का उसका सहयोगी अभिनव प्रताप सिंह, सुनील निषाद व रवि ठाकुर को साक्ष्य के अभाव में धनबाद की निचली अदालत ने बरी कर दिया गया. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डीजीपी अजय कुमार सिंह ने प्रारंभिक जांच सीआईडी से करायी. जांच में यह बात सामने आयी कि मामले के शिकायतकर्ता एसआई इंद्रजीत कुमार राणा ने 30 जनवरी 2021 को बैंक मोड़ थाना में उक्त लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. इसमें गवाह के रूप में धनबाद जिला बल के सिपाही दीपक कुमार सिंह व सिपाही इरफान अहमद को गवाह बनाया गया था. हालांकि, इस मामले में सिर्फ एसआई इंद्रजीत कुमार राणा ने कोर्ट में गवाही दी थी. केस के अनुसंधानकर्ता अजय कुमार ने भी गवाही नहीं दी. इनके अलावा दोनों सिपाही भी गवाही के लिए कोर्ट में हाजिर नहीं हुए.

सीआईडी की पूछताछ में सिपाही इरफान अहमद ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि उन्हें वारंट नहीं मिला. यानी उन्हें कब गवाही देनी है, इसकी जानकारी नहीं मिली. जबकि दूसरे सिपाही दीपक कुमार सिंह ने बयान दिया कि गवाह के तौर पर उनके नाम का जो हस्ताक्षर दिखाया गया है, वह उनका है ही नहीं. यानी उनका हस्ताक्षर फर्जी है. अभियोजन पक्ष इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य को भी कोर्ट में प्रमाणित नहीं कर सका. उक्त कारणों से धनबाद की निचली अदालत ने साक्ष्य के अभाव में अमन सिंह व उसके साथियों को बरी कर दिया. सीआईडी की रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए डीजीपी अजय कुमार सिंह ने सीआईडी को आपराधिक कांड दर्ज कर विस्तृत जांच कर करने को कहा है. पुलिस मुख्यालय को अंदेशा है कि यह सब साजिशन किया गया है.

क्या था केस

प्राथमिकी में एसआइ इंद्रजीत कुमार राणा ने कहा था कि उन्हें गुप्त सूचना मिली है कि एक मोबाइलधारक बैंक मोड़ थाना क्षेत्र व धनबाद जिले में रह रहे कई व्यवसायियों को धमकी देकर रंगदारी वसूलने के उद्देश्य से आपराधिक गिरोह को संगठित कर रहा है. गिरोह में धनबाद जिले के साथ झारखंड सहित दूसरे राज्य के कुख्यात अपराधी शामिल हैं. फर्जी नाम व दस्तावेज तैयार कर कई और मोबाइल नंबर लेकर गिरोह के सदस्यों को दिया जा रहा है. ताकि वे लोग हत्या करने की धमकी देकर रंगदारी वसूल सकें. अभिनव सिंह के फेसबुक में अभिनव प्रताप सिंह के नाम का आइडी बनाकर फेसबुक चलाया जा रहा. इसमें वह अमन सिंह के साथ अपने को टैग किए हुए है. आरोप है कि अमन सिंह ने हाल के दिनों में गोविंदपुर थाना, तेतुलमारी थाना सहित कतरास थाना में राजेश गुप्ता पर गोली चलवाई थी. मिट्ठू सिंह उर्फ राजेश सिंह से रंगदारी की मांग करने के साथ ही सिटी फ्यूल पेट्रोल पंप पर गोली चलवाने जैसी घटना को अंजाम दिलवाया था. अभिनव सिंह जो भी काम करता है वह अमन सिंह के इशारे पर कर रहा है.

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