रांची : कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के विभिन्न ठिकानों से 351 करोड़ रुपये से अधिक कैश बरामदगी मामले की जांच सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय (इडी) से कराने की मांग की गयी है. इसे लेकर जमशेदपुर निवासी प्रार्थी दानियल दानिश ने झारखंड हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि धीरज साहू के ठिकानों से अरबों का कैश बरामद किया जाना गंभीर मामला है. इतना कैश रखना आर्थिक अपराध जैसा है.
प्रार्थी ने इस मामले में केंद्र सरकार, सीबीडीटी के अध्यक्ष, आयकर महानिदेशक (अनुसंधान), प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक, सीबीआइ निदेशक और मुख्य निर्वाचन आयुक्त को मामले में प्रतिवादी बनाया है. याचिका में मुख्य निर्वाचन आयुक्त को धीरज साहू की सदस्यता के मामले में स्वत: संज्ञान लेने को लेकर निर्देश देने का आग्रह किया गया है. प्रार्थी ने आरोप लगाया है कि धीरज साहू ने चुनाव के दौरान अपनी संपत्ति 34 करोड़ होने की गलत जानकारी दी थी. इसलिए उनकी सदस्यता समाप्त की जानी चाहिए. इसके अलावा प्रार्थी ने धीरज साहू के इस कैश कांड में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की संलिप्तता की भी जांच सीबीआइ से कराने का आग्रह किया है.
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प्रार्थी ने अपनी याचिका में यह भी आरोप लगाया है कि ‘महादेव ऐप घोटाले’ का अवैध पैसा झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ में धीरज साहू के कब्जे में रखा गया है, ताकि 2024 के आगामी संसदीय व राज्य विधानसभा चुनाव में खर्च किया जा सके. याचिका में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष को मामले में की गयी कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए निर्देश देने का भी आग्रह किया गया है. उल्लेखनीय है कि आयकर विभाग की टीम ने छह दिसंबर को सांसद धीरज साहू से जुड़ी कंपनियों ओडिशा व झारखंड में विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की थी.