Dumri By election: झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के असमय निधन के बाद से अब डुमरी विधानसभा सीट खाली हो गई है. ऐसे में इस विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना तय है. इसे लेकर डुमरी विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराने की तैयारी भी देखने को मिल रही है. वहीं, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने भारत निर्वाचन आयोग से डुमरी विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराने का आग्रह किया है. बता दें कि विधानसभा सचिवालय को रिक्त संबंधी चिट्टी मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को भेजा गया था. जिसके बाद सीईओ ने डुमरी विधानसभा में उपचुनाव कराने की अनुशंसा भारत निर्वाचन से कराने की है.
बता दें कि डुमरी विधानसभा से जगरनाथ महतो पहले ऐसे विधायक थे जो अपनी लोकप्रियता और जनता के हर सुख-दुख में हाजिर रहते थे. जिसके कारण चार बार विधायक चुने गए थे. लेकिन अब शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के निधन से डुमरी विधानसभा में सीट खाली है. और निर्वाचन नियमावली के अनुसार छह महीने के अंदर उपचुनाव कराने का प्रावधान है. ऐसे में कहा जा रहा है कि 06 अक्टूबर से पहले उपचुनाव करा लिए जायेंगे. वहीं, आपको याद होगा जगरनाथ महतो का निधन 06 अप्रैल 2023 को चेन्नई में इलाज के दौरान हो गया था. मंत्री के निधन से राजनीतिक दलों में शोक की लहर दौड़ पड़ी थी.
साल1972 में बेरमो विधानसभा से नावाडीह प्रखंड को काट कर डुमरी विधानसभा में शामिल कर नये विधानसभा का सृजन किया गया था. 1972 में इस सीट से कांग्रेस के मुरली भगत चुनाव जीत कर विधायक बने थे. इसके बाद 1977 में लालचंद महतो ने डुमरी विधानसभा सीट से पहला चुनाव जनता पार्टी के टिकट पर लड़ा था. 1977 के पहले डुमरी विस में डुमरी और पीरटांड़ प्रखंड शामिल था. उस वक्त कुरमी जाति के अलावा बाहर के लोग भी इस विस क्षेत्र से विधायक रहे, लेकिन 1977 से लगातार एक ही जाति के लोग इस विस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं. नावाडीह प्रखंड और डुमरी प्रखंड को मिलाकर बने डुमरी विधानसभा में वर्ष 1977 से लेकर 2019 तक जितने भी विधानसभा चुनाव हुए, उसमें मुख्य रूप से जगरनाथ महतो, शिवा महतो एवं लालचंद महतो ने ही इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. इसमें सर्वाधिक चार बार जगरनाथ महतो ने ही इस विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया.
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