रांची. बिरसा मुंडा एयरपोर्ट में डीवीओआर (डापलर वेरी हाई फ्रीक्वेंसी ओमनी रेंज ) उपकरण को सफलतापूर्वक भौतिक रूप से स्थापित किया गया है. जिससे अब रांची आने वाले सभी विमानों को सही दिशा की जानकारी मिलेगी. यह दक्षिण कोरियाई डॉपलर वीओआर मेक मोपियन मॉडल मारू 220 एक उन्नत तकनीक उत्पाद है. जो एयरक्राफ्ट को एन रूट और लैंडिंग के लिए दूरी की जानकारी प्रदान करता है. यह अंतरराष्ट्रीय उड़ान के साथ-साथ घरेलू उड़ान की रूटिंग में भी मदद करता है. एयरपोर्ट निदेशक आरआर मौर्या ने बताया कि डीवीओआर अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ान की रूटिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. एक साथ उड़ते हुए विमान में पायलट को कोण और दूरी की जानकारी प्रदान करते हैं. इसलिए पायलट लोकेशन को पिन प्वाइंट कर सकता है. पुराना डीवीओआर अमेरिकी कंपनी का लगा हुआ था. जिसकी क्षमता कम थी. बढ़ते हवाई यातायात को पूरा करने में यह असमर्थ था. नया डीवीओआर कोरियाई कंपनी द्वारा बनाया गया है. जिसका रेंज 150 से 200 किलोमीटर तक है. इसके लगने से बिरसा मुंडा एयरपोर्ट आने वाले विमान को दिशा व एयरपोर्ट में बैठे कर्मचारी को हर जहाज को उसके गंतव्य तक पहुंचने में मदद मिलेगी.
डीवीओआर की खासियत
डीवीओआर के रडार के जरिये एटीसी कंट्रोलर के कंप्यूटर पर एयर ट्रैफिक के साथ ही टर्मिनल क्षेत्र में विमान की स्थिति दिखती है. डीवीओआर अंतरराष्ट्रीय मानक नेविगेशनल सुविधा है. जो हवाई अड्डों और रनवे पर स्थित ग्राउंड रेडियो बीकन से सर्वदिशात्मक संकेत भेजकर विमान को उनके दृष्टिकोण में सहायता करता है. डीवीओआर आधुनिकतम तकनीक पर आधारित है. इसका इस्तेमाल दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलुरु सहित कई एयरपोर्ट पर हुआ है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है