Jharkhand News: ग्रामीण विकास विभाग के निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के सीए मुकेश मित्तल के सहयोगी नीरज मित्तल, हवाला कारोबारी राम प्रकाश भाटिया और फर्जी कंपनी बनाकर पैसे का निवेश करने वाले ताराचंद के खिलाफ ईडी ने सोमवार को पीएमएलए कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया. आरोप पत्र सोमवार को पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत में दाखिल किया गया.
जेल में बंद है तीन आरोपी
आरोप है कि वीरेंद्र राम के सीए मुकेश मित्तल का सहयोगी नीरज मित्तल वीरेंद्र राम की काली कमाई को निवेश करने के लिए ताराचंद के पास पहुंचाता था. ताराचंद ने फर्जी नाम से अपना एक आधार व चार पेन कार्ड बनवाया था. इसके बाद एक कंपनी बनायी थी. इसी कंपनी में वीरेंद्र राम द्वारा मित्तल को दिये पैसे का निवेश किया जाता था. इसके बाद कंपनी से फिर उक्त पैसा वीरेंद्र राम की पत्नी राजकुमारी देवी व पिता गेंदा राम के खाते में ट्रांसफर किया जाता था. वहीं, राम प्रकाश भाटिया हवाला के जरिये वीरेंद्र राम के पैसे को रांची से दिल्ली पहुंचाता था. उक्त पैसों से दिल्ली में वीरेंद्र राम ने फ्लैट व अन्य चीजों की खरीदारी की थी. तीनों आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं.
बीरेंद्र राम के पिता व पत्नी ने दायर की अग्रिम जमानत याचिका
मनी लाउंड्रिंग मामले में आरोपी ग्रामीण विकास विभाग के निलंबित चीफ इंजीनियर बीरेंद्र राम की पत्नी व पिता की ओर से झारखंड हाइकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की गयी है. उन्होंने हाइकोर्ट से अग्रिम जमानत देने की गुहार लगायी है. इससे पूर्व ईडी की विशेष अदालत ने बीरेंद्र राम के पिता गेंदा राम व पत्नी राजकुमारी देवी को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था. उनकी याचिका खारिज कर दी गयी थी. प्रार्थियों ने निचली अदालत के आदेश को चुनाैती दी है. उल्लेखनीय है कि ईडी ने 22 फरवरी को बीरेंद्र राम को गिरफ्तार किया था. इससे पहले उसके 24 ठिकानों पर छापेमारी की गयी थी, जहां से डेढ़ करोड़ रुपये के जेवरात सहित संपत्ति अर्जित करने से संबंधित दस्तावेज बरामद हुए थे.
रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन की जमानत याचिका पर ईडी से मांगा जवाब
झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर जमीन की खरीद-बिक्री मामले में आरोपी रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन की ओर से दायर डिफॉल्ट जमानत याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के दाैरान प्रार्थी का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को जवाब दायर करने का निर्देश दिया. माैखिक रूप से कहा कि यदि मामले में जांच जारी है, तो उसे शीघ्र पूरा किया जाना चाहिए. साथ ही अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 11 सितंबर की तिथि निर्धारित की.
निर्धारित समय पर दायर नहीं हुआ चार्जशीट
इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने बताया कि ईडी द्वारा निर्धारित समय से चार्जशीट दायर नहीं किया गया है. इसलिए उन्हें जमानत का लाभ मिलना चाहिए. वहीं ईडी की ओर से वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी पूर्व उपायुक्त छवि रंजन ने याचिका दायर कर डिफॉल्ट जमानत देने का आग्रह किया है. सीआरपीसी की धारा-167 के तहत दायर पिटीशन को ईडी की विशेष अदालत द्वारा खारिज किये जाने को चुनाैती दी है. फर्जी दस्तावेज के आधार पर जमीन की खरीद-बिक्री के मामले में ईडी ने रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन को चार मई को गिरफ्तार किया. इससे पहले ईडी ने 13 अप्रैल को तत्कालीन उपायुक्त छवि रंजन, बड़गाईं के राजस्व कर्मचारी सहित 18 लोगों के 22 ठिकानों पर छापेमारी की थी.