रांची : ईडी ने पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश की अदालत में सोमवार को रिमांड पिटीशन दाखिल कर आलमगीर आलम को तीन दिनों के रिमांड पर देने का अनुरोध किया. साथ ही कई तथ्यों का उल्लेख किया. अदालत ने इडी के अनुरोध को स्वीकारते हुए रिमांड अवधि तीन दिनों के लिए बढ़ा दी. इडी ने कोर्ट को सौंपे तथ्यों में कहा है कि ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व सचिव और वरीय आइएएस अधिकारी मनीष रंजन के पास मंत्री आलमगीर आलम से संबंधित गुप्त जानकारियां हैं. उन्हें 24 मई को पूछताछ के लिए समन जारी किया गया था, लेकिन उन्होंने समय मांगा. उन्हें फिर 28 मई को हाजिर होने के लिए समन जारी किया गया है. उनसे आलमगीर के संबंध में पूछताछ जरूरी है.
रिमांड पिटीशन में कहा गया है कि आइएएस अधिकारी मनीष रंजन के अलावा अन्य कई लोगों को पूछताछ के लिए समन जारी किया गया है. आलमगीर आलम से संबंधित कुछ और अहम जानकारी अन्य वरीय अधिकारियों के पास है. इनमें से मनीष रंजन एक हैं. इन्हीं तथ्यों के आधार पर आगे की जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय ने आलमगीर को रिमांड पर देने का अनुरोध किया.
सूचनाएं छिपा रहे हैं आलमगीर :
रिमांड अवधि समाप्त होने पर इडी ने आलमगीर आलम को पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत में पेश किया. इसमें कहा गया कि आलमगीर आलम मनी लाउंड्रिंग में शामिल हैं. हालांकि वह महत्वपूर्ण सूचनाएं छिपा रहे हैं. काफी समय देकर उनका बयान दर्ज किया जा रहा है. उनके आप्त सचिव संजीव लाल, निजी सहयोगी जहांगीर आलम से हुई पूछताछ और विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी के दौरान मिले दस्तावेज से इस बात की जानकारी मिलती है कि वह नाजायज तरीके से कमाये गये धन को अपने करीबी लोगों के यहां रखते थे. अब तक की जांच में पाया गया कि आलमगीर के करीबी कुछ वरीय अधिकारी और प्रभावशाली लोग महत्वपूर्ण फैसला लेने और लाभान्वित होनेवालों में शामिल हैं. ऐसे लोगों के पास गुप्त और महत्वपूर्ण सूचनाएं हैं.
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