रांची, अजय दयाल. महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) घोटाला मामले में फंसीं झारखंड की निलंबित भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की अधिकारी पूजा सिंघल पर आरोप गठन मामले की सुनवाई बृहस्पतिवार को पूरी हो गयी. रांची स्थित पीएमएलए कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई. विशेष जज ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. इसके साथ ही सुनवाई की अगली तारीख 16 फरवरी तय कर दी. उसी दिन आरोप गठन पर फैसला आने की उम्मीद है.
कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई, तो पूजा सिंघल के वकील ने केस से जुड़े समग्र दस्तावेज मांगे. पूजा सिंघल के वकील का कहना था कि उन्हें प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से कुछ दस्तावेज उपलब्ध करवाये गये हैं. उनकी मुवक्किल को जांच से जुड़े सभी दस्तावेज उपलब्ध कराये जायें. इस पर ईडी के वकील ने कहा कि कुछ ऐसे दस्तावेज हैं, जो आरोपी को नहीं दिया जा सकता. इस पर दोनों पक्षों के बीच जमकर बहस हुई. इसके बाद जज ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
पीएमएलए की अदालत में कई दस्तावेज पेश किये गये. पूजा सिंघल पर खूंटी जिला में मनरेगा घोटाला में करोड़ों रुपये की कमाई करने का आरोप है. उन पर मनी लाउंडरिंग के भी आरोप हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूजा सिंघल के ठिकानों पर छापामारी की थी. 5 मई 2022 को छापामारी की कार्रवाई के दौरान पूजा सिंघल के चार्टर्ड अकाउंटेंड (सीए) सुमन कुमार के यहां से 19.31 करोड़ रुपये कैश बरामद हुए थे.
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भारी मात्रा में कैश की बरामदगी के बाद ईडी ने सुमन कुमार को गिरफ्तार कर `लिया था. सुमन की गिरफ्तारी के बाद ईडी के अधिकारियों ने आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल से पूछताछ शुरू की. आखिरकार 11 मई 2022 को पूजा सिंघल को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया. इस दौरान पूछताछ के लिए पूजा सिंघल को ईडी ने दो बार रिमांड पर भी लिया था.
पूजा सिंघल जमानत के लिए झारखंड हाईकोर्ट पहुंचीं, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी. इसके बाद वह सुप्रीम कोर्ट गयीं. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सशर्त जमानत दे दी. उच्चतम न्यायालय ने उन्हें राहत प्रदान करते हुए 6 फरवरी को कोर्ट में सरेंडर करने के लिए कहा था. पूजा सिंघल ने 4 फरवरी को ही रांची स्थित ईडी की विशेष अदालत में सरेंडर कर दिया था.