Jharkhand News: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आग्रह को प्रवर्तन निदेशालय ((Enforcement Directorate) ने ठुकरा दिया है. ईडी ने हेमंत सोरेन को 17 नवंबर को ही पूछताछ के लिए उपस्थित होने को कहा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईडी से आग्रह किया था कि 16 नवंबर को उनसे पूछताछ की जाए, लेकिन प्रवर्तन निदेशालय ने उनके इस आग्रह को अस्वीकार कर दिया और 17 नवंबर को हाजिर होने को कहा. आपको बता दें कि अवैध खनन से जुड़े मामले से ईडी इनसे पूछताछ करेगी.
दूसरी बार भेजा गया था समन
प्रवर्तन निदेशालय ने अवैध खनन मामले में पूछताछ के लिए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दोबारा समन भेजा था. ईडी ने 17 नवंबर 2022 को रांची के ईडी ऑफिस में इन्हें पेश होने को कहा था. इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने सीएम हेमंत सोरेन को समन भेजकर तीन नवंबर 2022 को पेश होने को कहा था, लेकिन सीएम ने 15 नवंबर तक अपने व्यस्त कार्यक्रम और विधि विशेषज्ञों से राय लेने का हवाला देते हुए तीन हफ्ते का समय मांगा था.
पहली बार 3 नवंबर को पेश होने के लिए भेजा गया था समन
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पहली बार समन भेजकर ईडी ने तीन नवंबर 2022 को करीब 11:30 बजे रांची के ईडी कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया था. इसके साथ ही इस मामले में ईडी ने डीजीपी को एक पत्र लिखकर सुरक्षा का विशेष प्रबंध करने का अनुरोध किया था. सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा द्वारा अवैध खनन में शामिल होने और 42 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अर्जित करने के अलावा अन्य कई मामले हैं. इसी वजह से सीएम हेमंत सोरेन को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया था. दूसरी बार 17 नवंबर 2022 को पेश होने के लिए उन्हें समन भेजा गया था. इसके बाद सीएम ने ईडी से आग्रह किया कि पूछताछ के लिए उन्हें 16 नवंबर को ही बुला लिया जाए. इसे ईडी ने अस्वीकार कर दिया.
ईडी के समन को सीएम ने दी थी चुनौती
ईडी की ओर से सीएम को समन भेजे जाने पर झामुमो कार्यकर्ता काफी नाराज दिखे थे. राज्य के विभिन्न स्थानों से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता सीएम आवास पहुंचे थे. यहां ईडी के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई थी. सीएम ने खुले मंच से ईडी से मिले समन को चुनौती दी थी. उन्होंने कहा था कि अगर उन्होंने कोई गुनाह किया है, तो समन क्यों भेजते हो. पूछताछ क्यों करते हो. सीधे गिरफ्तार करके दिखाओ. ईडी के भेजे गये समन को लेकर 2 नवंबर 2022) को सीएम आवास में यूपीए विधायकों की बैठक हुई थी. इसमें ईडी के खिलाफ सड़क से सदन तक आंदोलन करने का निर्णय लिया गया था. इसी के तहत पांच नवंबर 2022 को झारखंड के सभी जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन किया गया था.