कांके डैम के किनारे बने 66 व बड़ा तालाब के किनारे बने 24 भवनों को तोड़ने का आदेश सहायक नगर आयुक्त ज्योति सिंह ने 19 अप्रैल को जारी किया था. सभी भवन मालिकों को एक माह के अंदर स्वेच्छा से भवन तोड़ कर निगम को सूचित करने को कहा गया था. ऐसा नहीं करने पर इन भवनों को बलपूर्वक तोड़ने की बात कही गयी थी.
साथ ही इन पर होने वाले खर्च भवन मालिक से वसूलने की बात कही गयी थी. लेकिन, आदेश जारी किये जाने के दो माह बाद भी इन दोनों जगहों पर एक भी घर नहीं टूटा है. इन भवनों पर अब तक कार्रवाई नहीं होने पर नगर निगम की इस नोटिस पर ही सवाल उठने लगे हैं.
निरंजन मेहता, अल्ताफ हुसैन, सकलदेव सिंह, मधुसूदन सिंह, विद्यानंद सिंह, वेंकटेश्वर गुप्ता, नानो किशोर प्रसाद, कन्हैया लाल, सत्य प्रकाश सेठ, सुमंत सिंह, सुषमा पांडेय, उषा किरण-विनिता खन्ना, धर्मेंद्र कुमार, रमेश अग्रवाल, भवन शर्मा, जयनाथ गुप्ता, शिवपूजन शर्मा, कुंदन कुमार, विश्वनाथ ओझा, देवपूजन सिंह, उत्तम गोराय,
ओमप्रकाश, सारो देवी, तारकेश्वर तिवारी, राजीव रंजन सिंह, सुमन सिंह, मृत्युंजय लाल, रिंकू देवी, शशि पांडेय, बिंदु देवी, वीना देवी, ममता सिंह, भगत राज, पप्पू कुमार, जोगेंद्र शर्मा, विनोद पंडित, रितु देवी, बीरा उरांव, मनोज चौधरी, नवीन वर्मा, शीला देवी, सुमन देवी, सोनी देवी, सीता देवी, संतोष रवि, संतोष, नरेश प्रसाद, अंजू देवी, पिंकी देवी, जतन देवी, गायत्री देवी, ओमप्रकाश सिंह, इंदू देवी, मिथलेश प्रसाद, नरेश विश्वकर्मा, गुड्डी शर्मा, संजय सिंह, गौतम सिंह, ज्ञानरंजन सिंह, जोगेंद्र सिंह, पूनम झा, अन्नू गुप्ता, अनिता देवी, अरुण गुप्ता, हैप्पी किंगर व इंफ्राडेड प्राइवेट लिमिटेड.
बंधु कच्छप व अमरजीत कच्छप, लेक व्यू कार वॉशिंग सेंटर व कैपिटल जिम, झारखंड-बंगाल रोडवेज, चिकन रिटेल आउटलेट, अमम्द पॉल्ट्री, राजा पॉल्ट्री, सोकत अली तेगेला, सना ट्रेडर मंजार मोसूद, वेस्पा अपरीला ऑटो प्लेक्स, यूनिवर्सल इंटरप्राइजेज, शरद कच्छप-ज्ञान कच्छप, फूल कच्छप-शंकर कच्छप, आरुष कच्छप-आरुस होटल, मो इरफान, मो सम्मुद्दीन, मो ताहा, मो शाहनवाज ऑप्टिकल, यतेंद्र नाथ सिंह, विनोद गुप्ता, मंटू कुमारी शर्मा माहिल उद्योग बाजार, अरुण कुमार महादेव टाइल्स, निखिल पोद्दार, प्रीति कुमारी व एमके उरांव.
हिनू नदी के अतिक्रमणकारियों का पक्ष नगर निगम एक बार फिर से सुनेगा. क्योंकि, नगर निगम की नोटिस के खिलाफ यहां के लोग हाइकोर्ट चले गये थे. इस पर हाइकोर्ट ने नगर निगम को आदेश दिया है कि लोगों की पूरी बात सुनने के बाद ही आदेश पारित करे. वहीं, हरमू नदी के किनारे बसे अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिए रांची नगर निगम एक बार फिर से जिला प्रशासन को पत्र लिखेगा.
कांके डैम की जमीन पर बने मकान, बाउंड्री व बड़ा तालाब के किनारे अवैध रूप से बने मकानों को तोड़ने का आदेश दिया गया था. ऐसे कई मामलों में अभी सुनवाई चल रही है. कुछ का फैसला हो गया है. ऐसे सारे भवनों-भूखंडों पर जुलाई माह से कार्रवाई शुरू की जायेगी.
शशि रंजन, प्रशासक, नगर निगम