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News of investment in jharkhand : झारखंड में पांच साल में 19,382 करोड़ रुपये का हुआ विदेशी पूंजी निवेश

झारखंड विदेशी पूंजी निवेश के मामले में टॉप आठ राज्यों में शामिल हो गया है. यहां पिछले पांच साल (2019-23) में करीब 20 हजार करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) हुआ है. यह देश के कई राज्यों से अधिक है.

मनोज सिंह (रांची). झारखंड विदेशी पूंजी निवेश के मामले में टॉप आठ राज्यों में शामिल हो गया है. यहां पिछले पांच साल (2019-23) में करीब 20 हजार करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) हुआ है. यह देश के कई राज्यों से अधिक है. आसपास के राज्य झारखंड से एफडीआइ के मामले में कहीं भी नहीं टिक रहे हैं.

महाराष्ट्र एफडीआइ में 5,07,440 करोड़ निवेश के साथ सबसे आगे

भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पूरे देश में महाराष्ट्र एफडीआइ में 5,07,440 करोड़ निवेश के साथ सबसे आगे है. दूसरे स्थान पर कर्नाटक का नंबर आता है, जहां पांच साल में करीब 3,65,276 करोड़ रुपये का एफडीआइ हुआ है. 2,87,435 करोड़ के एफडीआइ के साथ गुजरात तीसरे नंबर पर है. दिल्ली में 2,2,1454 करोड़ का एफडीआइ हुआ है. तमिलनाडु और तेलंगाना में भी क्रमशः 78,634 करोड़ और 55,672 करोड़ के विदेशी निवेश हुआ है. सबसे कम एफडीआइ मणिपुर, त्रिपुरा और नगालैंड जैसे राज्यों में हुआ है. पूरे देश में पांच साल में करीब करीब 16,83,780 करोड़ का एफडीआइ इक्विटी आया है.

2023-24 में एक्सपोर्ट में 30 फीसदी की वृद्धि

झारखंड में 2022-23 से 2024-25 तक निर्यात(एक्सपोर्ट) में भी जबरदस्त वृद्धि हुई है. 2022-23 से 2023-24 के बीच करीब 40 फीसदी का ग्रोथ हुआ है. वहीं, 2023-24 (अप्रैल से सितंबर) से 2024-25 (अप्रैल से सितंबर) तक करीब 30 फीसदी की वृद्धि हुई है. झारखंड में 2022-23 में करीब 6018 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ था. यह बढ़कर 2023-24 में 7840.88 करोड़ रुपये हो गया था. इसी तरह वित्तीय वर्ष 2023-24 के अप्रैल से सितंबर तक 6018 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ था, यह बढ़कर 2024-25 के अप्रैल से सितंबर तक में 7840.88 करोड़ रुपये हो गया है.

किन-किन क्षेत्रों में निवेश की संभावना

विशेषज्ञों का कहना है कि हाल के वर्षों में कई बड़ी-बड़ी कंपनियों ने यहां निवेश किया है. ऊर्जा, कोयला और खनन के क्षेत्र में कई निवेश हुए हैं. यह निवेश बड़ी पूंजीवाली है. यहां कई कंपनियां पुरानी हैं, जो वर्षों से यहां उत्पादन का काम कर रही हैं. इसमें विदेशी पूंजी लगायी जा सकती है. यहां लगायी जा रही यूनिट के लिए पैसा विदेशी स्रोत से आ सकता है. झारखंड के कई उत्पाद भी विदेशों में जा रहे हैं. इससे भी यहां विदेशी पैसा आ रहा है. कोयला खदान, वॉशरी लगाये जाने का प्रस्ताव है. इस पर पैसा लगाया जा रहा है.

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