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डॉ करमा उरांव नहीं रहे, शिक्षाविद ने 72 साल की उम्र में रांची के मेदांता अस्पताल में ली अंतिम सांस

आदिवासी समाज के प्रख्यात मानवशास्त्री, शिक्षाविद डॉक्टर करमा उरांव का निधन रविवार सुबह मेदांता हॉस्पिटल में हो गया. बीते कुछ दिनों से वह बीमार चल रहे थे. इलाज के दौरान ICU में उन्होंने अंतिम सांस ली. बता दें कि सरना धर्म कोड सहित झारखंड के कई मुद्दों पर वह अपना पक्ष मजबूती के रखते थे.

रांची, मनोज लकड़ा. आदिवासी समाज के प्रख्यात मानवशास्त्री, शिक्षाविद डॉक्टर करमा उरांव का निधन रविवार सुबह मेदांता हॉस्पिटल में हो गया. बताया जा रहा है कि बीते कुछ दिनों से वह बीमार चल रहे थे. इलाज के दौरान ICU में उन्होंने अंतिम सांस ली. बता दें कि सरना धर्म कोड सहित झारखंड के कई मुद्दों पर वह अपना पक्ष मजबूती के रखते थे. वह मानवशास्त्र के पूर्व विभागाध्यक्ष, रांची विश्वविद्यालय के पूर्व डीन, एकीकृत बिहार में BPSC के मेम्बर भी थे. बता दें कि 72 साल के उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली.

सीएम हेमंत सोरेन ने किया ट्वीट

वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि महान शिक्षाविद तथा आदिवासी उत्थान के प्रति हमेशा सजग रहने और चिंतन करने वाले डॉ करमा उरांव जी के निधन का दुःखद समाचार मिला. डॉ करमा उरांव जी से कई विषयों पर मार्गदर्शन मिलता था. उनके निधन से आज मुझे व्यक्तिगत क्षति हुई है. परमात्मा दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिवारजनों को दुःख की यह विकट घड़ी सहन करने की शक्ति दे.

बाबूलाल मरांडी ने किया ट्वीट

वहीं, झारखंड के पहले मुख्यमंत्री और बीजेपी के नेता बाबूलाल मरांडी ने भी ट्वीट कर उनके निधन पर शोक जताया है. ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा है, ‘आदिवासी संस्कृति व समाज के उत्थान के लिए जीवनपर्यंत समर्पित रहे, प्रख्यात मानवशास्त्री व शिक्षाविद डॉक्टर करमा उरांव जी के निधन की दुःखद सूचना प्राप्त हुई. भाषा, संस्कृति और समाज के लिए उनके उल्लेखनीय कार्य सदैव लोगों को प्रेरित करती रहेगी. ईश्वर आपको अपने श्रीचरणों में स्थान दें. विनम्र श्रद्धांजलि.’

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