Jharkhand News: राज्य के शहरों में वंशावली बनाने में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वंशावली सत्यापित करने का काम स्थानीय पार्षद या मुखिया द्वारा करने का प्रावधान है. ग्रामीण इलाकों में मुखिया वंशावली सत्यापित कर रहे हैं. परंतु, नगर निकायों का चुनाव नहीं होने की वजह से शहरों में पार्षद का पद रिक्त है. पूर्व पार्षद वंशावली सत्यापित नहीं कर सकते हैं. ऐसे में संपत्ति हस्तांतरण या प्रमाण पत्र निर्गत कराने के लिए लोगों की वंशावली ही नहीं बन पा रही है.
वंशावली को स्वयं सत्यापित करने का भी प्रावधान
हालांकि, एफिडेफिट के माध्यम से आवेदक द्वारा वंशावली को स्वयं सत्यापित करने का भी प्रावधान है. परंतु, स्वयं सत्यापित वंशावली सरकारी कार्यालयों द्वारा स्वीकार नहीं किया जा रहा है. जिससे संपत्ति हस्तांतरित करने में झारखंड के लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ ही रहा है, साथ में प्रमाण पत्र निर्गत करने में भी परेशानी हो रही है. वंशावली सत्यापित नहीं होने के कारण सबसे ज्यादा कष्ट संपत्ति के बंटवारे को लेकर हो रही है. रजिस्ट्री कार्यालयों में बिना वंशावली के बंटवारे का निबंधन नहीं किया जा रहा है. वंशावली के बिना पैतृक संपत्ति की पॉवर ऑफ अटार्नी भी किसी व्यक्ति को देने का मामला फंस रहा है.