Jharkhand Crime News रांची : झारखंड के 19 व्यापारिक प्रतिष्ठानों ने फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) का लाभ लेने के लिए 300 करोड़ रुपये का फर्जी जीएसटी बिल जारी कर दिया. इसमें रांची के 18 और धनबाद के एक प्रतिष्ठान शामिल हैं. गलत तरीके से आइटीसी का लाभ लेनेवाले दूसरे राज्य के व्यापारी हैं, जिसमें सबसे ज्यादा संख्या छत्तीसगढ़ के व्यापारियों की है. संबंधित राज्यों के सीजीएसटी कार्यालयों को इसकी सूचना दे दी गयी है. केंद्रीय माल एवं सेवा कर(सीजीएसटी) के अधिकारियों ने दो दिनों की गहन जांच के बाद इसका खुलासा किया है.
सीजीएसटी के प्रधान आयुक्त एसके सिंह के निर्देश पर निगरानी शाखा के अधिकारियों ने दो दिनों तक कागजी संस्थाओं की गहन जांच पड़ताल की. इस दौरान जानकारी मिली कि एक ही पते पर छह-सात व्यापारिक प्रतिष्ठानों का निबंधन कराया गया है. इन प्रतिष्ठानों द्वारा वास्तविक व्यापार करने के बदले सिर्फ फर्जी जीएसटी बिल जारी किया जाता है.
इसका उद्देश्य आइटीसी का गलत लाभ लेना है. रांची के हिनू, कडरू और कांके रोड के पते पर इस तरह के कागजी प्रतिष्ठान निबंधित हैं. एक ही पते पर निबंधित छह-सात प्रतिष्ठान के मालिकों ने अपने ही अलग-अलग प्रतिष्ठानों के नाम पर जीएसटी बिल जारी कर आइटीसी का अनुचित लाभ लिया है. इन कागजी प्रतिष्ठानों द्वारा जारी किये गये फर्जी जीएसटी बिलों के सहारे करीब 26.51 करोड़ रुपये के टैक्स की चोरी की गयी है.
प्रतिष्ठान राशि (करोड़ में)
टीएनएम इंटप्राइजेज 58.22
सिंघानिया कंस्ट्रक्शन 15.22
शिव शक्ति इंटरप्राइजेज 59.23
विशाल ट्रेडर्स 3.94
प्रीत ट्रेडर्स 4.09
धरम इंटरप्राइजेज 3.58
राधे ट्रेडर्स 5.27
मिश्र ट्रेडर्स 3.64
लखवीर सिंह 1.70
फिरोज हुसैन 5.26
कृष्णा ट्रेडर्स 4.98
ओम इंटरप्राइजेज 17.64
मां लक्ष्मी इंटरप्राइजेज 10.37
प्रतिष्ठान राशि (करोड़ में)
गणेश ट्रेडर्स 9.90
गणेश ट्रेडर्स 8.53
शिवनाथ कुमार 1.77
ताराचंदी इंटरप्राइजेज 68.54
एसडीएम इंटरप्राइजेज 6.25
विनायक इंटरप्राइजेज 5.76
Posted By : Sameer Oraon