रांची़ रांची के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर स्पेशल लीव पिटीशन (एसएलपी) पर छह दिसंबर को सुनवाई होगी. उन्होंने झारखंड हाइकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है. अपनी याचिका में उन्होंने हाइकोर्ट के आदेश को निरस्त करने का आग्रह किया है. उल्लेखनीय है कि देवघर के तत्कालीन उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री के मामले में भारत निर्वाचन आयोग की ओर से दायर अपील याचिका को झारखंड हाइकोर्ट ने 23 सितंबर को स्वीकार करते हुए एकल पीठ के आदेश को निरस्त कर दिया था. एकल पीठ ने पूर्व में इस मामले को डब्ल्यूपीसी के रूप में सुनवाई योग्य मानते हुए सुनवाई के लिए सक्षम बेंच में ट्रांसफर किया था. एकल पीठ के आदेश को निर्वाचन आयोग ने अपील याचिका दायर कर चुनौती दी थी. आयोग का कहना था कि इस मामले की सुनवाई सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) में होनी चाहिए, लेकिन एकल पीठ ने इस मामले को डब्ल्यूपीसी के रूप में सुनवाई योग्य मानते हुए सुनवाई के लिए सक्षम बेंच में ट्रांसफर कर दिया है, जो सही नहीं है. यह है मामला निर्वाचन आयोग ने छह दिसंबर 2021 को राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिख कर देवघर के उपायुक्त पद से मंजूनाथ को हटाने तथा उन्हें चुनाव कार्य में नहीं लगाने का आदेश किया था. मुख्य सचिव को मंजूनाथ के खिलाफ आरोप पत्र गठित कर विभागीय कार्यवाही करने का भी निर्देश दिया था. गोड्डा के सांसद डॉ निशिकांत दुबे पर एक दिन में पांच थाना में केस दर्ज करने के मामले में शिकायत को आयोग ने सही पाया था. सांसद के खिलाफ छह माह बाद आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज करने पर उपायुक्त से जवाब मांगा था. संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर आयोग ने मुख्य सचिव को मंजूनाथ के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था.
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