Ranchi News: एचईसी में कार्यरत कर्मियों का 19 माह का वेतन बकाया हो गया है. वहीं, एचईसी से सेवानिवृत्त हो रहे कर्मियों को भी सेवानिवृत्ति लाभ नहीं मिल रहा है. इस कारण सेवानिवृत्त कर्मी अपनी बेटी की शादी, इलाज व जरूरत के अन्य कार्य पूरे नहीं कर पा रहे हैं. कर्मियों को मई 2018 से ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं हो रहा है. वहीं लीव इनकैशमेंट अप्रैल 2017 से बकाया है. एचईसी के अधिकारी ने बताया कि औसतन अगर हर माह चार कर्मी सेवानिवृत्त होते हैं, तो पिछले पांच वर्षों में 200 से अधिक अधिकारी व कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए हैं. वहीं एक अधिकारी व कर्मचारी को औसतन 10 लाख रुपये भी ग्रेच्युटी व लीव इनकैशमेंट मिलेगा, तो एचईसी को 200 करोड़ का भुगतान करना होगा.
44 कर्मियों ने भुगतान के लिए लेबर कमिश्नर से की शिकायत
एचईसी से सेवानिवृत्त हुए 44 कर्मियों ने लेबर कमिश्नर से ग्रेच्युटी व लीव इनकैशमेंट भुगतान कराने को लेकर शिकायत की है. सेवानिवृत्त कर्मियों का कहना है कि जल्द ही सभी लोग हाइकोर्ट में याचिका दायर करेंगे.
मई 2018 से नहीं हो रहा ग्रेच्युटी का भुगतान, इनकैशमेंट अप्रैल 2017 से बकाया
-साइटिका का इलाज नहीं करा पा रहे हैं पारसनाथ
पारसनाथ प्रसाद वर्ष 2019 में एचइसी से एग्जीक्यूटिव के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं़ उन्होंने बताया कि उन्हें ग्रेच्युटी व लीव इनकैशमेंट मिलाकर 20 लाख रुपये एचइसी से मिलना है. लोगों से कर्ज लेकर बेटी की शादी की. अब बुढ़ापे में साइटिका हो गया है. इलाज नहीं करा पा रहे हैं. सोचा था कि सेवानिवृत्त होने के बाद घर बनायेंगे, वह सपना भी अब अधूरा ही रह गया.
-दो बेटी की शादी नहीं कर पा रहे हैं कृष्ण रविदास
एचइसी से वर्ष 2021 में सेवानिवृत्त कृष्ण रविदास कहते हैं कि उनका ग्रेच्युटी व लीव इनकैशमेंट मिला कर कुल 18 लाख रुपये बकाया है. परिवार में कुल सात लोग हैं. इसमें चार बेटी व एक बेटा है. अभी दो बेटी की शादी करनी है. पैसा नहीं है कि बेटी का अच्छे घर में विवाह करें. गांव में पुश्तैनी जमीन भी नहीं है कि बेच दें. यही सोच कर आये दिन बीमार रहते हैं.
-कान का इलाज नहीं करा पा रहे हैं वीरेंद्र
वीरेंद्र राम एचइसी से अक्टूबर 2022 में सेवानिवृत्त हुए हैं़ पूछने पर उन्होंने बताया कि उनका 10 माह का वेतन बकाया है. ऊपर से सेवानिवृत्त के बाद ग्रेच्युटी व लीव इनकैशमेंट भी नहीं मिल रहा है. जो जमा पूंजी थी, उससे बच्चों की शादी कर दी. कान से सुनाई नहीं देता है. रांची में चिकित्सकों ने कहा कि चेन्नई या दिल्ली जायें. पैसा नहीं है, इसलिए इलाज करवाने में असमर्थ हूं.
-जिस कंपनी को पूरा जीवन दिया, वहीं से आज पैसा नहीं मिल रहा : रमेश
2022 में रमेश राम एग्जीक्यूटिव पद से सेवानिवृत्त हुए़ ग्रेच्युटी व लीव सैलरी मिलाकर 19 लाख मिलने हैं. उम्मीद में हैं कि पैसा मिलेगा, तो बेटी की शादी करेंगे. वहीं, पैसा के अभाव में इलाज भी कराने में असमर्थ हूं. परिवार में सात लोग हैं. जो भी बचत थी, वह समाप्त हो गयी है. क्वार्टर लीज लाइसेंस पर है. तीन माह बाद वह भी खाली करना पड़ेगा. जिस कंपनी को पूरा जीवन दिया, वहीं से आज पैसा नहीं मिल रहा है.
-पत्नी का इलाज अच्छे अस्पताल में नहीं करा पाया, हो गया निधन : राम
एचइसी से वर्ष 2020 में इलेक्ट्रिक विभाग से सेवानिवृत्त रामसकल राम कहते हैं कि एचइसी पर ग्रेच्युटी व लीव सैलरी का 18 लाख रुपये बकाया है. पैसे के अभाव में पत्नी का इलाज अच्छे अस्पताल में नहीं करा पाया और उनका निधन हो गया. खुद कई तरह की बीमारी से ग्रस्त हूं. जो भी बचत थी, वह बच्चों की पढ़ाई-लिखाई व शादी-विवाह में खर्च हो गयी. अब पास में पैसा नहीं है कि अपना इलाज करायें.
एचईसी बचाओ जन संघर्ष समिति का धरना 14 को
एचईसी बचाओ मजदूर जन संघर्ष समिति की बैठक शनिवार को लालदेव सिंह की अध्यक्षता में हुई. 14 सितंबर को राजभवन के समक्ष धरना देने का निर्णय लिया गया. धरना में बड़ी संख्या में एचइसीकर्मी, सेवानिवृत्त कर्मचारी, दुकानदार व एचइसी क्षेत्र में झुग्गी-झोपड़ी में रहनेवाले लोग शामिल होंगे. कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए रविवार से एचइसी के प्लांटों, कॉलोनियों व आसपास के गांवों में जनसंपर्क अभियान चलाया जायेगा. बैठक में एचइसी लिमिटेड श्रमिक कर्मचारी यूनियन के प्रकाश कुमार, संजय सिन्हा, रामलाल, हटिया मजदूर यूनियन के भवन सिंह, हरेंद्र कुमार, राजेंद्र कुमार, हटिया मजदूर लोक मंच के रामकुमार नायक, बिमल महली, हटिया कामगार यूनियन से केपी साहू, एमपी रामचंद्रन, आरके शाही, एचइसी श्रमिक संघ के शनि सिंह, दिवाकर देव, एचइसी नागरिक संघ के कैलाश यादव, सुधीर गोप, एचइसी सप्लाई मजदूर संघर्ष समिति के दिलीप सिंह, वाई त्रिपाठी, सीनियर सिटीजन वेलफेयर सोसाइटी के चंदेश्वर प्रसाद, सीपी सिंह आदि मौजूद थे.
एचईसी से बैंक ने पूछा कैसे वापस करेंगे लोन
गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहे एचईसी को बैंक से लोन मिलने में विलंब होगा. एचइसी को जमीन के एवज में एसबीआइ से करीब 700 रुपये लोन मिलने की उम्मीद है. इसके लिए प्रबंधन ने एक प्रस्ताव बना कर बैंक के अधिकारी व भारी उद्योग मंत्रालय को भेजा था. प्रबंधन ने आवासीय परिसर में शालीमार बाजार के पास करीब 60 एकड़ जमीन चिह्नित की है. इधर, बैंक ने एचइसी के अधिकारियों से पूछा कि लोन की राशि कैसे लौटायेंगे. इस पर स्पष्ट जानकारी दें. क्योंकि, एचइसी की देनदारी अधिक है.