झारखंड सरकार ने विभिन्न विभागों में अनुबंध और संविदा पर कार्यरत कर्मियों को स्थायी करने की तैयारी शुरू कर दी है. सेवा शर्तों में सुधार के उद्देश्य से ऐसे कर्मचारियों का विस्तृत ब्योरा जुटाया जा रहा है. कार्मिक विभाग ने सभी विभागों को पत्र लिख कर उनके सभी कार्यालयों में अनुबंध और संविदा पर कार्यरत कर्मियों का ब्योरा 15 दिनों के अंदर उपलब्ध कराने को कहा है. संभावना जतायी जा रही है कि राजस्थान और ओड़िशा सरकार की तर्ज पर झारखंड सरकार भी संविदा कर्मियों को नियमित करने के उद्देश्य से ‘संविदा भर्ती नियम-2023‘ लागू कर सकती है. विभन्न विभागों द्वारा जारी रिपोर्ट की स्क्रीनिंग के जरिये ही सेवा शर्तों में एकरूपता लायी जोयगी, ताकि उन्हें स्थायी बनाने पर विचार किया जा सके. राज्य सरकार अनुबंध और संविदा पर कार्यरत कर्मियों को स्थायी करने के साथ ही उनके लिए विशेष वेतन सुरक्षा, उम्र सीमा और सामाजिक सुरक्षा के अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रही है. सीएम हेमंत सोरेन ने पिछले साल 24 जून 2022 को ही कांट्रैक्ट कर्मियों को नियमित करने की बात कही थी. झारखंड सरकार में लंबे समय से काम कर रहे संविदाकर्मियों के मामले में उन्होंने लातेहार में संविदाकर्मियों को स्थायी करने की घोषणा की थी. इसके लिए नियमों में बदलाव के संकेत दिये थे. उस वक्त अग्निपथ योजना के तहत देश भर में चल रहे बवाल के बाद उन्होंने कहा था कि सरकार अनुबंधकर्मियों के स्थायीकरण को लेकर चिंतित है. इसके लिए सरकार नियमावली बना रही है.
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Video : संविदा कर्मियों को स्थाई करेगी हेमंत सरकार
राजस्थान और ओड़िशा सरकार की तर्ज पर झारखंड सरकार भी संविदा कर्मियों को नियमित करने के उद्देश्य से ‘संविदा भर्ती नियम-2023‘ लागू कर सकती है
By Raj Lakshmi
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