रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत ने जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉउंड्रिंग मामले में आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर गुरुवार को फिर से सुनवाई होगी. बुधवार को दो घंटे से अधिक चली बहस में सुनवाई पूरी नहीं हो पायी. इसके बाद अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 13 मई यानी कि आज की तिथि निर्धारित की.
इससे पहले बुधवार को हुई सुनवाई में ईडी की ओर से वरीय अधिवक्ता एसवी राजू ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि बड़गाई अंचल की 8.86 एकड़ जमीन पर पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का ही कब्जा है. कब्जा के संबंध में बड़गाई अंचलाधिकारी (सीअो), राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद तथा सीएम के प्रेस सलाहकार रहे अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू ने बयान देकर इसकी पुष्टि की है.
हेमंत सोरेन के निर्देश पर ही जमीन का सत्यापन
ईडी का पक्ष रख रहे वकील ने आगे कहा है कि अभिषेक प्रसाद ने बयान दिया है कि हेमंत सोरेन के निर्देश पर ही उसने सीएमओ में कार्यरत उदय शंकर को बरियातू की विवादित जमीन का सत्यापन कराने को कहा था. उदय शंकर ने बड़गाईं अंचल के तत्कालीन सीओ मनोज कुमार को उक्त जमीन का सत्यापन करने को कहा. सीअो मनोज कुमार ने राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद को सीएमओ के उक्त निर्देश के आलोक में मामले को निष्पादित करने का निर्देश दिया.
कपिल सिब्बल बोले- बड़गाई अंचल की जमीन भुईंहरी प्रकृति की
इससे पहले 10 जून को हुई सुनवाई में हेमंत सोरेन के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि मेरे मुवक्किल पर लगे रहे आरोप बेबुनियाद है. उन्होंने अदालत को बताया था कि बड़गाई की 8.86 एकड़ जमीन भुईंहरी प्रकृति की जमीन है. उक्त जमीन ट्रांसफर भी नहीं हो सकती है. जमीन का मालिकाना अधिकार हेमंत सोरेन के पास नहीं है. जमीन के किसी दस्तावेज में उनका नाम भी नहीं है. यह जमीन विवाद का मामला है, आपराधिक मामला भी नहीं है. पीएमएलए के शेड्यूल ऑफेंस में जमीन पर कब्जे का मामला नहीं आता है.
हेमंत सोरेन 31 जनवरी 2024 से जेल में हैं बंद
उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जमानत याचिका दायर की है. वह 31 जनवरी 2024 से जेल में बंद हैं. मामले में इडी द्वारा हेमंत सोरेन सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी दायर की गयी है.