रांची : बड़गाईं जमीन घोटाला में ईडी द्वारा आरोपी बनाये गये हिलेरियस कच्छप की बीमारी से मंगलवार को रिम्स में मौत हो गयी. ईडी की ओर से 10 दिन पहले ही उसके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था. बरियातू स्थित डीएवी स्कूल के पीछे रहनेवाले हिलेरियस की दोनों किडनी खराब हो चुकी थीं. मंगलवार को उसे रिम्स में भर्ती कराया गया था, जहां डायलिसिस के दौरान उसकी मौत हो गयी थी. बुधवार को बरियातू के भरम टोली स्थित कब्रिस्तान में उसका अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान काफी लोग मिट्टी देने के लिए जमा हुए. इसके पूर्व बरियातू स्थित डॉन बास्को चर्च में प्रार्थना का आयोजन हुआ. वह अपने पीछे दो पुत्री व एक पुत्र को छोड़ गया है. परिजनों के अनुसार, हिलेरियस को हाई बीपी और शुगर की बीमारी थी. वहीं, दोनों किडनियां खराब होने से वह पनेशानी में था.
उल्लेखनीय है कि ईडी ने 30 मार्च को बड़गाईं अंचल में 8.86 एकड़ जमीन की जांच के बाद पांच लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. इसमें पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, विनोद सिंह, राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप प्रसाद, राजकुमार पाहन और हिलेरियस कच्छप का नाम शामिल था. ईडी ने हिलेरियस पर बड़गाईं अंचल की 8.86 एकड़ जमीन पर हेमंत सोरेन द्वारा कब्जा करने में मददगार बनने का आरोप लगाया था. ईडी ने पीएमएलए कोर्ट में दायर आरोप पत्र में यह लिखा था कि हेमंत सोरेन द्वारा कब्जा की गयी 8.86 एकड़ जमीन पर बिजली का मीटर हिलेरियस कच्छप के नाम पर लगाया गया था. उसी ने इस जमीन पर पत्थर से चहारदीवारी बनवायी थी. वह इस जमीन की देखरेख भी करता था.
ईडी के केस में नाम आने के बाद से ज्यादा खराब हो गयी थी तबीयत : सेलेम
रांची. हिलेरियस कच्छप के रिश्तेदार सेलेम ने बताया कि ईडी के केस में नाम आने के बाद से वह ज्यादा तनाव में रहने लगा था. तनाव के कारण उसकी तबीयत पहले से ज्यादा खराब रहने लगी थी. 15 दिनों से उसका बीपी और शुगर ज्यादा बढ़ गया था. उसकी किडनी तो पहले से खराब थी, शुगर अधिक बढ़ने से किडनी में ज्यादा परेशानी होने लगी थी. मंगलवार को ज्यादा तबीयत खराब हो गयी. उसे रिम्स ले जाया गया जहां डायलिसिस के दौरान ही उसकी मौत हो गयी.