झारखंड हाइकोर्ट ने रांची नगर निगम व आरआरडीए में नक्शा पास करने के लिए 20 से लेकर 30 रुपये प्रति वर्गफीट अवैध राशि वसूली के मामले में स्वत: संज्ञान से दर्ज याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की. कोर्ट ने नगर निगम व आरआरडीए में नक्शा स्वीकृत करने की प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी. जस्टिस एस चंद्रशेखर व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए रांची नगर निगम के नगर आयुक्त व आरआरडीए के उपाध्यक्ष की कार्यशैली पर फटकार लगायी. खंडपीठ ने मौखिक कहा कि इन संस्थानों में भ्रष्टाचार व्याप्त है. भ्रष्टाचार रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. क्यों नहीं नगर आयुक्त शशिरंजन व आरआरडीए उपाध्यक्ष मुकेश कुमार को निलंबित कर दिया जाये और मामले की जांच सीबीआइ से करायी जाये. भ्रष्टाचार के खिलाफ एक्शन क्यों नहीं लिया गया. क्यों नहीं आरआरडीए व रांची नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी जैसे सीबीआइ से करायी जाये. मामले की सुनवाई के दाैरान खंडपीठ ने कई तल्ख टिप्पणियां की. खंडपीठ ने माैखिक रूप से कहा कि कोर्ट सब कुछ समझता है. हमें न बताया जाये कि क्या गलत है. नक्शा पास करने के खेल में होनेवाले भ्रष्टाचार को हर हाल में रोकना होगा. नक्शा पास करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता क्यों नहीं है. खंडपीठ ने उक्त टिप्पणी तब की, जब प्रतिवादियों की ओर से अधिवक्ता प्रकाशित खबर को गलत व झूठ बता रहे थे.
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नक्शा पास पर हाइकोर्ट की रोक, कहा-क्यों न नगर निगम व आरआरडीए के भष्ट्राचार की सीबीआइ जांच हो
नक्शा पास करने के लिए 20 से लेकर 30 रुपये प्रति वर्गफीट अवैध राशि वसूली के मामले में स्वत: संज्ञान से दर्ज याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की.
By Raj Lakshmi
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