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Education News : भारतीय ज्ञान प्रणाली एक जीवंत परंपरा है : कुलपति

डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि के कुलपति प्रो डॉ तपन कुमार शांडिल्य ने कहा कि भारतीय ज्ञान प्रणाली सिर्फ अतीत का अवशेष नहीं, बल्कि एक जीवंत परंपरा है. भारत हमेशा से ज्ञान की भूमि रही है.

रांची (विशेष संवाददाता). डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि के कुलपति प्रो डॉ तपन कुमार शांडिल्य ने कहा कि भारतीय ज्ञान प्रणाली सिर्फ अतीत का अवशेष नहीं, बल्कि एक जीवंत परंपरा है. भारत हमेशा से ज्ञान की भूमि रही है. कहा कि सभ्यता का उदगम स्थल रहा है. जिसने दुनिया की कुछ सबसे गहन और स्थायी ज्ञान परंपराओं को पोषित किया है. आम भाषा में कहा जाये, तो भारतीय ज्ञान प्रणाली ज्ञान हस्तांतरण की एक विधि है और एक संगठित प्रणाली है. जो ज्ञान को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाती है. कुलपति शुक्रवार को कुरूक्षेत्र विवि में तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे थे. कुलपति ने कहा कि चाणक्य ने कहा है कि सुख का मूल धर्म है और धर्म का मूल अर्थ है. यह कथन इस बात को रेखांकित करता है कि भौतिक समृद्धि ही वह आधार है, जिस पर नैतिक और आध्यात्मिक उद्देश्य टिके रहते है. सम्मेलन के पहले दिन कई तकनीकी सत्र का भी आयोजन किया गया. इस अवसर पर कुरुक्षेत्र विवि के कुलपति डॉ सोमनाथ सचदेव, देवेंद्र अवस्थी, झारखंड अोपेन यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ टीएन साहू, अटल बिहारी वाजपेयी बिलासपुर के कुलपति प्रो डॉ एडीएन बाजपेयी, अशोक कुमार चौधरी, विजय कुमार पटनायक, अशोक मित्तल आदि उपस्थित थे. यह जानकारी पीआरओ प्रो राजेश कुमार सिंह ने दी.

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