झारखंड में मैट्रिक, इंटर की परीक्षा के लिए सभी जिलों को 12 दिसंबर तक परीक्षा केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया पूरी कर रिपोर्ट देने को कहा गया है. परीक्षा केंद्र के साथ-साथ मूल्यांकन केंद्र भी निर्धारित कर इसकी जानकारी झारखंड एकेडमिक काउंसिल को देने को कहा गया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी को इस आशय का निर्देश शुक्रवार को हुई विभागीय समीक्षा बैठक में दिया गया. बैठक में शिक्षा विभाग के अधिकारी के साथ-साथ झारखंड एकेडमिक काउंसिल के अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारी शामिल हुए. जिला शिक्षा पदाधिकारी को छह फरवरी से शुरू होनेवाली मैट्रिक, इंटर की परीक्षा की तैयारी को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया. कॉपी मूल्यांकन के लिए परीक्षकों का नाम भी 22 दिसंबर तक उपलब्ध कराने को कहा गया. इसके अलावा प्रत्येक विद्यालय से कम से कम 15 विद्यार्थियों का आवेदन आकांक्षा प्रवेश परीक्षा के लिए जमा कराने को कहा गया. बैठक में प्राथमिक शिक्षा निदेशालय, माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, जेसीइआरटी, मध्याह्न भोजन प्राधिकरण व झारखंड शिक्षा परियोजना के कार्यों की समीक्षा की गयी.
रसोइयों को आयुष्मान योजना से जोड़ने का निर्देश
बैठक में मध्याह्न भोजन योजना की समीक्षा की गयी. सभी जिला शिक्षा अधीक्षक को स्कूलों में खाना बनानेवाली रसोइयों का आयुष्मान योजना के तहत कार्ड बनवाने का निर्देश दिया गया. राज्य में लगभग 77 हजार रसोइया कार्यरत हैं. इनमें से लगभग 34 हजार रसोइयों का कार्ड बना हुआ है. मध्याह्न भोजन योजना के वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट को लेकर भी जिलों को निर्देश दिया गया. 13 जिलों को किचेन शेड निर्माण के उपलब्ध करायी गयी राशि के खर्च की जानकारी देने को कहा गया.
छह जिलों के शिक्षा अफसरों के वेतन पर रोक
झारखंड के छह जिलों के डीइओ, डीएसइ, व अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के वेतन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गयी है. यह आदेश शुक्रवार को विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान दिया गया. इन जिलों में ड्रॉप आउट बच्चों के स्कूलों में नामांकन को लेकर सर्वे का कार्य निर्देश के अनुरूप पूरा नहीं किया गया. जिन जिलों के अफसरों के वेतन पर रोक लगायी गयी है, उनमें चतरा, गुमला, हजारीबाग, सिमडेगा, खूंटी व पश्चिमी सिंहभूम शामिल है. बैठक में बच्चों के पोशाक वितरण की स्थिति की भी समीक्षा की गयी.
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