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झारखंड : ईडी से पूछताछ में जेल अधीक्षक ने मानी गलती, कहा- कन्फ्यूजन में गलत फुटेज भेजे, जेलर से भी हुई पूछताछ

रांची के जेल अधीक्षक और जेलर शुक्रवार को ईडी कार्यालय पहुंचे. ईडी के अधिकारियों ने दोनों से पूछताछ की. जहां जेल अधीक्षक ने कंफ्यूजन में गलत सीसीटीवी फुटेज भेजने की बात कही, वहीं जेलर ने जेल अधीक्षक के निर्देश पर छवि रंजन और प्रेम प्रकाश के बीच मुलाकात कराने की बात कही.

Jharkhand News: सूरज डूबने के बाद कैदियों की एक दूसरे से मुलाकात नियमसम्मत नहीं है. रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन और प्रेम प्रकाश की मुलाकात जेल अधीक्षक के आदेश पर करायी गयी थी. बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल के जेलर नसीर खान ने ईडी द्वारा की गयी पूछताछ के दौरान यह बात स्वीकार की. जबकि जेल अधीक्षक सीसीटीवी फुटेज के मुद्दे पर असहयोगात्मक रवैया अपनाए हुए है. ईडी द्वारा फुटेज की मांग के लिए भेजे गये पत्र में अवधि का स्पष्ट उल्लेख होने के बावजूद उन्होंने इस मामले में कन्फ्यूज होने की बात कही. जेल अधीक्षक के जवाब से ईडी संतुष्ट नहीं है.

जेल अधीक्षक के निर्देश पर छवि रंजन और प्रेम प्रकाश की करायी गयी मुलाकात

ईडी द्वारा भेजे गये समन के आलोक में शुक्रवार के दिन के करीब 11 बजे जेल अधीक्षक और जेलर नसीम खान पूछताछ के लिए हाजिर हुए. जेल में सूरज डूबने के बाद प्रेम प्रकाश और छवि रंजन की मुलाकात के सिलसिले में पूछे गये सवालों का जवाब देते हुए जेलर ने बताया कि जेल मैनुअल में निहित प्रावधानों के तहत सूरज डूबने के बाद कैदियों के एक- दूसरे से मुलाकात नहीं हो सकती है. सीसीटीवी फुटेज में दोनों के मुलाकात की पुष्टि होने के आधार पर पूछे गये सवालों के जवाब में जेलर ने कहा कि उनसे जेल अधीक्षक के निर्देश के आलोक में दोनों की मुलाकात करायी थी.

ईडी ने जेल में छवि रंजन के कमरे का सीसीटीवी फुटेज किया था जब्त

ईडी ने पीएमएलए कोर्ट के आदेश के आलोक में जेल में छापा मार कर छवि रंजन के कमरे का सीसीटीवी फुटेज जब्त किया था. फुटेज की जांच के दौरान दोनों की 40 मिनट तक चली मुलाकात की पुष्टि हुई थी. छापामारी के दिन जेल अधीक्षक ने ईडी को दिये अपने बयान में यह कहा था कि दोनों की मुलाकात नियम सम्मत है. मुलाकात उनके आदेश पर करायी गयी है.

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जेल अधीक्षक ने कंफ्यूज होने की बात कही

ईडी ने जेल अधीक्षक से सीसीटीवी फुटेज देने में आनाकानी करने और कोर्ट में मांग के अनुरूप सीसीटीवी फुटेज जमा नहीं करने के सिलसिले में पूछे गये सवालों के जवाब देते हुए खुद के कंफ्यूज होने की बात कही. लेकिन, वह ईडी के इस सवाल का संतोषप्रद जवाब नहीं दे सके कि जब पत्र में अवधि सहित अन्य तथ्यों का साफ-साफ उल्लेख होने के बावजूद उन्हें कंफ्यूजन कैसे हो गया. पीएमएलए कोर्ट में इस बिंदु पर सुनवाई के दौरान भी अवधि का उल्लेख किया गया था. साथ ही पीएमएलए कोर्ट ने अपने आदेश में भी अवधि का उल्लेख करते हुए फुटेज देने का आदेश दिया था. ऐसी स्थिति में कंफ्यूजन की वजह से मांग के अनुरूप सीसीटीवी फुटेज नहीं देना जान-बूझ कर तथ्यों को छिपाने की कोशिश करना है.

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