13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Jharkhand: सड़कों पर उतरा जैन समाज, राज्यपाल को ज्ञापन सौंप की ये मांग, जैन मुनि ने त्यागे प्राण

रांची के मौन पदयात्रा में शामिल सभी लोग अपने हाथों में स्लोगन लिखी तख्तियां और झंडे लिए हुए थे. अपर बाजार स्थित दिगंबर जैन मंदिर से निकली यात्रा कचहरी चौक होते हुए राजभवन पहुंची

गिरिडीह स्थित श्री सम्मेद शिखरजी पारसनाथ पर्वतराज को पर्यटन स्थल घोषित किये जाने के विरोध में मंगलवार को राजधानी में विशाल मौन पदयात्रा निकाली गयी. इसमें बड़ी संख्या में जैन समाज, मारवाड़ी समाज और अन्य संगठनों के पुरुष व महिलाएं शामिल थे. दूसरी तरफ सम्मेद शिखर की पवित्रता बनाये रखने के लिए जयपुर में आमरण-अनशन कर रहे जैन मुनि सुज्ञेयसागर महाराज ने मंगलवार सुबह छह बजे अपने प्राण त्याग दिये.

रांची में हुई मौन पदयात्रा में शामिल सभी लोग अपने हाथों में स्लोगन लिखी तख्तियां और झंडे लिए हुए थे. अपर बाजार स्थित दिगंबर जैन मंदिर से निकली यह मौन पदयात्रा मेन रोड, शहीद चौक और कचहरी चौक होते हुए राजभवन पहुंची, जहां राज्यपाल रमेश बैस के नाम ज्ञापन सौंपा गया.

ज्ञापन में कहा गया है कि विश्व प्रसिद्ध श्री सम्मेद शिखरजी पारसनाथ पर्वतराज और मधुबन जैन धर्मावलंबियों का सबसे बड़ा पवित्र तीर्थस्थल है. जैन समाज के 24 तीर्थंकरों में से 20 तीर्थंकरों ने इस पर्वत पर तपस्या की और मोक्ष प्राप्त किया है. इस जगह को पर्यटन स्थल घोषित करने से दुनिया भर में जैन समाज आहत है और समाज में निराशा का माहौल है.

क्योंकि, ऐसा करने से इस क्षेत्र में मांसाहार और शराब सेवन जैसी अनैतिक गतिविधियां प्रारंभ होने की आशंका है, जिससे इस जगह की पवित्रता भंग होगी. इससे अहिंसक जैन समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचेगी. इसलिए जैन धर्मावलंबियों की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल बनाने पर रोक लगे.

इस पवित्र तीर्थ स्थल को ‘धार्मिक तीर्थ स्थल’ घोषित किया जाये.

मौन पदयात्रा में श्री दिगंबर जैन पंचायत के अध्यक्ष पदम कुमार छाबड़ा, प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष बसंत कुमार मित्तल, सुभाष विनायक्या, धर्मचंद जैन रारा, अरुण बुधिया, मनोज बजाज, संजय सर्राफ, राहुल मारू, पवन शर्मा, अशोक पुरोहित, प्रमोद सारस्वत, प्रदीप बाकलीवाल, संजय पाटनी, प्रमोद झांझरी, सुनील सेठी, शिव शंकर साबू, सुभाष जैन, पंकज पांड्या, कैलाशचंद्र, संजय छाबड़ा, मनोज काला, अजीत कुमार, अजय गंगवाल, संदीप जैन, पदमचंद गोधा, हेमंत सेठी समेत सैकड़ों महिलाएं-पुरुष शामिल थे.

सुज्ञेयसागर महाराज 25 दिसंबर से अनशन पर थे

गिरिडीह जिले की पारसनाथ पहाड़ी स्थित जैन समाज के पवित्र तीर्थ सम्मेद शिखर को पर्यटन क्षेत्र बनाने के राज्य सरकार के फैसले का विरोध कर रहे जैन मुनि सुज्ञेयसागर महाराज ने मंगलवार की सुबह छह बजे प्राण त्याग दिये. वह सम्मेद शिखर से जुड़े हुए थे. 72 वर्षीय सुज्ञेयसागर झारखंड सरकार के फैसले के खिलाफ 25 दिसंबर से आमरण अनशन पर थे. मंगलवार सुबह उनकी डोल यात्रा सांगानेर संघीजी मंदिर से निकाली गयी.

उन्हें जयपुर के सांगानेर में समाधि दी गयी. डोला यात्रा में आचार्य सुनील सागर सहित बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग शामिल थे. अखिल भारतीय जैन बैंकर्स फोरम के अध्यक्ष भागचंद्र जैन ने कहा कि मुनीश्री सुज्ञेयसागर महाराज ने सम्मेद शिखर को बचाने के लिए बलिदान दिया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें