रांची : झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने सदन को संबोधित किया. स्पीकर श्री महतो ने सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा पिछले चार वर्ष के दौरान राज्य सरकार ने चुनावों में किये गये वादों के अनुरूप काम किया है. राज्य के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के हितों की रक्षा को ध्यान में रखते हुए काम किया है.
यह राज्य अपने संसाधनों के कारण ही शोषण और दमन का शिकार रहा है. लेकिन इतिहास साक्षी है कि हर दमन और शोषण का प्रतिकार कर यह राज्य हमेशा पूरी मजबूती के साथ खड़ा हुआ. उन्होंने कहा कि 2019 में राज्य की जनता का जनमत स्पष्ट था. लेकिन विभिन्न परिस्थितियों के कारण जो अस्थिरता उत्पन्न हुई है, इसी कारण आज उसी जनमत पर आधारित एक नयी सरकार बनी है. इस नये मंत्रिमंडल में दो नये युवा चेहरों को शामिल किये गये हैं.
स्पीकर ने कहा : मुझे विश्वास है कि आप दोनों मंत्रीगण दिशोम गुरु शिबू सोरेन द्वारा क्रांति की जो अलख जलायी गयी है, उसे बुझने नहीं देंगे. स्पीकर श्री महतो ने कहा कि बजट राज्य के आय-व्यय का दर्पण होता है. जिसके माध्यम से आप सभी को अवसर मिलेंगे कि सरकार के वित्तीय प्रबंधन की समीक्षा करें. तथा जिन क्षेत्रों में विकास की ज्यादा जरूरत है, उन क्षेत्रों में सरकार को ज्यादा राशि के निवेश के लिए परामर्श दें.
बजट प्रस्ताव और अनुदान की मांगों और कटौती प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदस्य सार्थक सुझाव दें. उन्होंने कहा कि हर बार हम सब चुनावों में जाते हैं. कुछ वादों की फेहरिस्त को जनता के सामने प्रस्तुत करते हैं. जनता उन वादों का और उन वादों को निभाने की दिशा में किये गये ईमानदार प्रयासों का मूल्यांकन करती है. कई बार हमें यह भ्रांति हो जाती है कि लोकमत की याददाश्त बहुत छोटी होती है. लेकिन जनता सब बातों- व्यवहारों का स्मरण रखती है. इसके आधार पर ही अपने जनप्रतिनिधियों का चयन करती है.