रांची : झारखंड सरकार के पदाधिकारी व कर्मचारी बिना राज्य सरकार की अनुमति के केंद्र या अन्य राज्य की जांच एजेंसियों के समक्ष पेश नहीं होंगे. पदाधिकारियों को विभागों के कागजात या दस्तावेज भी केंद्र या अन्य राज्यों की जांच एजेंसियों को सौंपने के पूर्व राज्य सरकार की अनुमति अनिवार्य होगी. मंगलवार को कैबिनेट ने मंत्रिमंडल निगरानी विभाग के प्रस्ताव पर राज्य सरकार के पदाधिकारियों को राज्य के बाहर की जांच एजेंसियों से प्राप्त समन या नोटिस के अनुपालन के लिए दिशा-निर्देश को मंजूरी दी. प्रस्ताव में कहा गया है कि राज्य के बाहर की जांच एजेंसियां राज्य सरकार के सक्षम प्राधिकार को सूचित किये बिना पदाधिकारियों को सीधे समन भेज कर उपस्थित होने के लिए निर्देशित किया जाता है.
कई मामलों में सरकारी दस्तावेजों व अभिलेखों की मांग भी की जाती है. कई मामलों में समन या नोटिस के आलोक में राज्य सरकार के पदाधिकारी विभागीय प्रधान के संज्ञान में लाये बिना ही सरकारी दस्तावेज एजेंसी को सौंप देते हैं. इससे संबंधित कार्यालय में भ्रम की स्थिति उत्पन्न होने के साथ सरकारी कार्य भी बाधित होता है. झारखंड कैबिनेट ने राज्य से बाहर की एजेंसियों से पदाधिकारियों को समन या नोटिस प्राप्त होने के मामलों के लिए मत्रिमंडल निगरानी विभाग को नोडल एजेंसी नामित करने की अनुमति दी. राज्य से बाहर की किसी भी जांच एजेंसी से समन या नोटिस प्राप्त होने पर संबंधित पदाधिकारी अपने विभागीय प्रधान के माध्यम से मंत्रिमंडल निगरानी को सूचित करेंगे. मंत्रिमंडल निगरानी उचित कानूनी परामर्श प्राप्त कर बाहर की जांच एजेंसी को कार्रवाई में आवश्यक सहयोग के लिए निर्देशित करेगा.
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कैबिनेट ने रांची स्मार्ट सिटी के कोर कैपिटल एरिया स्थित साइट वन में छह एकड़ भूमि पर ताज होटल के निर्माण की योजना को स्वीकृति प्रदान की. इसके लिए मेसर्स इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड को 99 वर्ष की लीज पर दी जायेगी. कंपनी उक्त भूमि पर लक्जरी होटल का निर्माण करेगी. यह होटल सरकारी प्रतिनिमंडलों, कॉरपोरेट क्षेत्र, पीएसयू व एनजीओ के साथ संपन्न यात्रियों की व्यवसायिक व अवकाश संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करेगा. होटल में लगभग 200 कमरों के साथ फूड एंड बिवेरेज आउटलेट्स, बैंक्वेट हॉल, कॉमर्शियल एरिया व हाई इंड रिटेल का प्रावधान किया जायेगा.
कैबिनेट ने झारखंड नगरपालिका निर्वाचन एवं चुनाव याचिका संशोधन नियमावली 2024 के गठन को स्वीकृति प्रदान की. इसके तहत नगर निकायों में मेयर या अध्यक्ष के पद पर एसटी, एससी, पिछड़ा वर्ग एवं अन्य के लिए चक्रानुक्रम में आरक्षण की व्यवस्था लागू करने का प्रावधान विलोपित कर दिया गया है. साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग के सुझाव के मुताबिक जनगणना आंकड़ों के अंतिम रूप से प्रकाशित होने के बाद नगरपालिकाओं का वर्गीकरण, पुनर्गठन, उच्चीकरण जैसी स्थिति में मेयर व अध्यक्ष के आरक्षण के क्रम में होनेवाली समस्याओं के निराकरण के लिए विभागीय स्तर पर परीक्षण को आवश्यक बताया गया है.
मालूम हो कि वर्ष 2023 में लागू निकायों में चक्रानुक्रम में आरक्षण की व्यवस्था की वजह से रांची समेत कई नगर निकायों में मेयर व अध्यक्ष का पद पूर्व से आरक्षित एसटी, एससी व पिछड़ा वर्ग में बदलाव हो गया था. जिसके बाद हुए विरोध की वजह से राज्य सरकार को चुनाव स्थगित करने का निर्णय लेना पड़ा था.
ऐसे सभी मामलों के लिए मत्रिमंडल निगरानी विभाग को नोडल एजेंसी नामित किया गया
विभागों के कागजात या दस्तावेज भी बिना अनुमति के अब नहीं सौंपा जा सकेगा
झारखंड नगरपालिका निर्वाचन एवं चुनाव याचिका संशोधन नियमावली 2024 के गठन को मिली स्वीकृति