Jharkhand Chunav 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर चुनाव आयोग के आदेश के बावजूद देवघर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) का अब तक ट्रांसफर नहीं हुआ है. झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और भाकपा माले के गठबंधन ने एसपी के तबादले के आदेश पर सवाल खड़े करते हुए चुनाव आयोग को पत्र लिखा है और उस पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं.
झामुमो-कांग्रेस-राजद-माले ने ECI को संयुक्त रूप से लिखी चिट्ठी
झामुमो के महासचिव और मुख्य प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने शुक्रवार (1 नवंबर) को झामुमो कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. उन्होंने बताया कि झारखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ चुनाव लड़ रहे झामुमो-कांग्रेस-राजद-माले के गठबंधन ने मुख्य चुनाव आयुक्त को एक चिट्ठी लिखी है. उन्होंने इस पत्र को सार्वजनिक करते हुए कहा कि चुनाव आयोग का यह आदेश एक पार्टी विशेष को मदद करने के उद्देश्य से जारी किया गया है.
एसपी के ट्रांसफर का आदेश हतप्रभ करने वाला – गठबंधन
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के लेटर पैड पर लिखी गई इस चिट्ठी में बिना कारण बताए देवघर में तैनात एसपी को चुनावी कार्य से हटाने संबंधी चुनाव आयोग के आदेश पर आपत्ति जताई गई है. मुख्य चुनाव आयुक्त को संबोधित इस चिट्ठी में झामुमो-कांग्रेस नीत गठबंधन ने कहा है कि 29 अक्टूबर को चुनाव आयोग के कार्यालय से एक आदेश जारी किया गया. इस आदेश में देवघर में पदस्थापित एसपी अजित पीटर डुंगडुंग का तबादला करने का आदेश था. यह आदेश हतप्रभ करने वाला और दृष्टिकटु प्रतीत होता है.
विशेष पार्टी को चुनाव में प्रशासनिक सहयोग करने का लगाया आरोप
पत्र में आगे लिखा गया है कि इसके पहले रांची के उपायुक्त (डीसी) मंजूनाथ भजंत्री को भी बिना कारण बताए ट्रांसफर करने का आदेश जारी किया गया था. सत्तारूढ़ गठबंधन ने लिखा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य में पदस्थापित आदिवासी, दलित पदाधिकारियों के ट्रांसफर के ये आदेश किसी विशेष राजनीतिक पार्टी को चुनाव में प्रशासनिक सहयोग के लिए दिए जा रहे हैं.
प्रशासनिक तंत्र को अस्थिर करने का गठबंधन ने लगाया आरोप
इतना ही नहीं, गठबंधन ने चुनाव आयोग पर प्रशासनिक तंत्र को अस्थिर करने का भी आरोप लगाया है. कहा है कि राज्य में छठे विधानसभा के लिए आम चुनाव की प्रक्रिया जारी है. ऐसे समय में इस तरह के आदेश का उद्देश्य प्रशासनिक तंत्र को अस्थिर करना लगता है. इसलिए गठबंधन के दल इन कार्रवाईयों का विरोध करते हैं और संयुक्त रूप से अपनी नाराजगी और आपत्ति दर्ज कराते हैं. पत्र पर भाकपा माले, राजद, कांग्रेस और झामुमो के नेताओं के हस्ताक्षर हैं.
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