Jharkhand Chunav, रांची : सक्रिय राजनीति में रहते हुए झारखंड के कई नेता अब अपनी अगली पीढ़ी को राजनीति में स्थापित करने में लगे हुए हैं. उन्होंने खुद चुनावी मैदान में न उतर कर अगली पीढ़ी यानी पुत्र-पुत्री, बहू को आगे किया है. इसके लिए वे लगातार मेहनत भी कर रहे हैं. ताकि, उनकी अगली पीढ़ी विधायक का चुनाव जीत जाये. राज्य में दो-दो ससुर अपनी बहुओं को जीत दिलाने की जुगत में लगे हैं. वहीं, दो पिता अपने-अपने पुत्र को और एक मां अपने बेटे को राजनीति में स्थापित कराने में लगे हुए हैं. इस बार इन सभी के लिए इम्तिहान की घड़ी है.
चंपाई, जोबा और नलिन ने अपने पुत्र को उतारा
पूर्व सीएम चंपाई सोरेन सरायकेला से भाजपा के उम्मीदवार हैं,वहीं उनके बेटे बाबूलाल सोरेन घाटशिला से भाजपा के उम्मीदवार हैं. दोनों बाप-बेटों की जोड़ी चुनावी मैदान में हैं. चंपाई अपनी सीट पर तो मेहनत कर ही रहे हैं. वहीं, बेटे के लिए भी जमकर पसीना बहा रहे हैं. शिकारीपाड़ा के विधायक नलिन सोरेन अब दुमका के सांसद बन गये हैं. अब उनकी जगह पर उनका बेटा आलोक सोरेन शिकारीपाड़ा से झामुमो का प्रत्याशी है. नलिन सोरेन उनके लिए दिन-रात एक किये हुए हैं. क्षेत्र में जोर-शोर से प्रचार कर उनके लिए वोट मांग रहे हैं. मनोहरपुर विधानसभा क्षेत्र की विधायक जोबा मांझी अब सिंहभूम की सांसद बन गयी हैं. उनकी जगह पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने उनके बेटे जगत मांझी को मनोहरपुर से उतारा है. जोबा मांझी अपने बेटे मनोहर के लिए लगातार जनसंपर्क अभियान चला रही हैं.
रघुवर व सत्यानंद भोक्ता ने बहू को उतारा
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान में ओड़िशा के राज्यपाल रघुवर दास की बहू पूर्णिमा दास साहू जमशेदपुर पूर्वी सीट से चुनाव लड़ रही हैं. यह रघुवर दास की पारंपरिक सीट हुआ करती थी. उद्योग मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने चतरा से अपनी बहू रश्मि प्रकाश का चुनाव मैदान में उतारा है. अब रश्मि प्रकाश राजद के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. उनके लिए सत्यानंद भोक्ता जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं.
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