रांची : झारखंड (Jharkhand News) मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार की तर्ज पर होम आइसोलेशन में रहने वाले कोरोना से संक्रमित लोगों के लिए ऑक्सीमीटर (Oximeter) की व्यवस्था करेगी. मुख्यमंत्री ने शनिवार (5 सितंबर, 2020) को ट्वीट करके यह जानकारी दी. ऑक्सीमीटर एक महत्वपूर्ण उपकरण है, जो कोरोना से संक्रमित मरीजों की काफी मदद करता है. अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियां 400 रुपये से लेकर 3000 रुपये तक के ऑक्सीमीटर बेच रही हैं.
मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘सीमित संसाधनों के बावजूद झारखंड सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु हर संभव प्रयास कर रही है. कोरोना संक्रमण काल में पंचायत स्तर तक ऑक्सीजन की व्यवस्था बनाये रखने हेतु तथा होम आइसोलेशन में रहने वाले लोगों के लिए ऑक्सीमीटर की व्यवस्था हेतु अधिकारियों को निर्देश दिया है.’
साथ ही मुख्यमंत्री ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के एक ट्वीट को री-ट्वीट किया है. इसमें बन्ना गुप्ता ने राज्य में कोरोना संक्रमण के ताजा अपडेट की लिस्ट सार्वजनिक की है और कहा है कि झारखंड कोरोना से जंग लड़ रहा है और जल्द ही इस जंग में जीत भी दर्ज करेगा.
सीमित संसाधनों के बावजूद झारखण्ड सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु हर संभव प्रयास कर रही है।
कोरोना संक्रमण काल में पंचायत स्तर तक ऑक्सीजन की व्यवस्था बनाये रखने हेतु तथा होम आइसोलेशन में रहने वाले लोगों के लिए ऑक्सिमीटर की व्यवस्था हेतु अधिकारियों को निर्देश दिया है।— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) September 5, 2020
श्री गुप्ता ने लिखा, ‘प्यारे राज्यवासियों, हमने 10 लाख कोरोना जांच का आंकड़ा पार कर लिया है. 32 हजार से ज्यादा मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं, हमारा रिकवरी रेट 66.70% है और लगातार बढ़ रहा है, जबकि मृत्यु दर 0.93% है. सीमित संसाधन और आपके सहयोग से हम कोरोना से जंग लड़ रहे और जल्द ही जीतेंगे भी.’
प्यारे राज्यवासियों,
हमने 10 लाख कोरोना जांच का आंकड़ा पार कर लिया हैं, 32 हजार से ज्यादा मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं, हमारा रिकवरी रेट 66.70% है और लगातार बढ़ रहा हैं, जबकि मृत्यु दर 0.93% हैं, सीमित संसाधन और आपके सहयोग से हम कोरोना से जंग लड़ रहे और जल्द ही जीतेंगे भी। pic.twitter.com/EADSnyyNI3— Banna Gupta (@BannaGupta76) September 5, 2020
खून में ऑक्सीजन सैचुरेशन का पता लगाने के लिए ऑक्सीमीटर का इस्तेमाल किया जाता है. यह इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है. इसे उंगली या कान पर क्लिप की तरह लगाना होता है. इसमें लगे सेंसर पता लगाते हैं कि खून में ऑक्सीजन का प्रवाह कैसा है. इसकी रीडिंग ऑक्सीमीटर की डिजिटल स्क्रीन पर दिखती है.
स्क्रीन पर लेवल 95% से 100% की रेंज में हो, तो इसे सामान्य माना जाता है. ऑक्सीमीटर देने का मकसद यह है कि लोग घर पर ही अपने शरीर का ऑक्सीजन लेवल जांच सकें. और जरूरत पड़ने पर उनके लिए ऑक्सीजन सपोर्ट की व्यवस्था की जा सके.
नोवेल कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति के कोविड निमोनिया से पीड़ित होने की आशंका बढ़ जाती है. आमतौर पर देखा गया है कि संक्रमित व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत आने लगती है और कुछ मामलों में मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत होती है. खासकर उन मरीजों में, जिनमें लक्षण दिखाई नहीं देते. यानी एसिम्प्टोमेटिक मरीजों में ऑक्सीजन का लेवल कब कम हो गया, पता ही नहीं चलता.
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संक्रमित व्यक्ति में यदि लक्षण स्पष्ट नहीं होते, तो शुरू-शुरू में कम ऑक्सीजन की वजह से बीमार व्यक्ति के श्वसन तंत्र (रेस्पिरेटरी सिस्टम) पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता. इस तरह बिना किसी तकलीफ के यदि ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाये, तो संक्रमित व्यक्ति की हालत ज्यादा खराब हो सकती है. इसलिए कोरोना से संक्रमित लोगों के ऑक्सीजन लेवल पर नजर रखने की जरूरत पड़ती है और ऑक्सीमीटर उसकी जान बचाने में काफी मदद करता है.
न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित एक लेख में डॉ रिचर्ड लेविटन ने कहा है कि जो लोग कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं, दो हफ्तों के लिए पल्स ऑक्सीमीटर के जरिये उनके ऑक्सीजन सैचुरेशन को मॉनिटर किया ही जाना चाहिए, क्योंकि इसी दौरान कोविड निमोनिया हो सकता है. डॉक्टरों का कहना है कि ऑक्सीजन लेवल 92 या इससे कम हो जाये, तो डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत होती है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पल्स ऑक्सीमीटर को ‘सुरक्षा कवच’ करार दिया है. उनका दावा है कि इसकी मदद से दिल्ली में कोविड-19 से होने वाली मौतों को कम किया जा सका. दिल्ली सरकार ने होम आइसोलेशन में रहने वाले बिना लक्षण या कम लक्षण वाले मरीजों को ऑक्सीमीटर दिये थे. हालांकि, कुछ डॉक्टरों का कहना है कि यह डिवाइस डॉक्टरी पर्चे पर ही मिलनी चाहिए, ताकि दूसरी चीजों की तरह इसकी कमी न पड़ जाये.
Posted By : Mithilesh Jha
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.