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Jharkhand Crime: चोरी के AK- 47 से सेना के जवान ने कर दी चाचा भतीजे की हत्या, जमीन के लिए दिया घटना को अंजाम

Jharkhand Crime: रांची पुलिस ने चाचा भतीजा मर्डर केस का खुलासा कर दिया है. हत्याकांड का मुख्य आरोपी एक सेना का जवान है, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है. उसके साथ एक अन्य आरोपी की गिरफ्तारी हुई है.

रांची : रांची पुलिस ने चार फरवरी को नगड़ी के कतरपा गांव में हुई मनोज कच्छप और उसके भतीजे बुधराम मुंडा की हत्याकांड का खुलासा 36 घंटे के अंदर कर लिया है. साथ ही मुख्य आरोपी सेना के जवान मनोहर टोपनो और उसके दोस्त सुनील कच्छप को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, दो अन्य आरोपी सचिन मिंज और निर्मल मुंडा उर्फ अमर अब भी फरार हैं. पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ है कि आरोपी मनोहर ने चोरी का एके 47 हथियार से घटना को अंजाम दिया था. वह जमीन विवाद का निबटारा न होने पर परेशान था. पुलिस ने उसके पास से हत्या में प्रयुक्त एके-47 राइफल, छह कारतूस, एक कार और एक बाइक का नंबर प्लेट बरामद किया है.

सेना का जवान छुट्टी लेकर आया था घर

डीआइजी सह रांची एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने गुरुवार को प्रेस वार्ता में बताया कि जिस एके-47 राइफल से मनोहर ने चाचा-भतीजा की हत्या की, वह उसे सेना से चुरा कर लाया है. चंदन सिन्हा ने बताया कि मनोहर टोपनो मूल रूप से इटकी चिनारो पुरियो गांव का रहनेवाला है. फिलहाल उसका परिवार नगड़ी के नारो गांव में रहता है. वह अभी जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में तैनात था और छुट्टी लेकर अपने घर आया था.

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जमीन विवाद का निबटारा नहीं होने से था परेशान

रांची पुलिस की पूछताछ में मनोहर ने बताया कि चार लाख रुपये देने के बावजूद जमीन विवाद का निबटारा नहीं होने से वह मानसिक रूप से परेशान था. इसी वजह से उसने बुधराम मुंडा और उसके चाचा मनोज कच्छप की हत्या कर दी. उसने कुपवाड़ा में ही हत्या की योजना बनायी थी और अपने साथ तैनात नायक राकेश कुमार की एके- 47 राइफल चुरा ली थी और अपने दोस्त सुनील कच्छप के जरिये अपने घर भेज दिया था. यहां उसने हत्या की वारदात को अंजाम देने के लिए सुनील कच्छप, सचिन मिंज और निर्मल मुंडा को साथ मिला लिया.

बाइक के नंबर प्लेट से आरोपी तक पहुंची पुलिस

चार फरवरी की शाम 7:00 बजे मनोहर और सचिन बाइक से नगड़ी के कतरपा गांव पहुंचे. यहां मनोहर ने दुकान से लौट रहे बुधराम मुंडा को एके-47 से भून डाला. बुधराम का चाचा मनोज कच्छप जब मनोहर को पकड़ने के लिए दौड़ा, तो मनोहर ने उसे भी मौत के घाट उतार दिया. हत्या करने के बाद मनोहर ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की थी कि पुलिस को मौका-ए-वारदात पर कोई सुराग न मिले. उसने एके-47 राइफल में उस जगह जाली लगा रखी थी, जहां से कारतूस का खोखा बाहर गिरता है.

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