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झारखंड के डॉक्टर आज से हड़ताल पर, सिर्फ इमरजेंसी में होगा इलाज, जमशेदपुर के डॉक्टर से मारपीट का कर रहे विरोध

झासा के अध्यक्ष डॉ पीपी शाह और सचिव डॉ ठाकुर मृत्युंजय सिंह ने कहा कि डॉक्टरों के लगातार ऐसी घटनाएं हो रही हैं. आईएमए रांची के अध्यक्ष डॉ शेखर चौधरी काजल और सचिव डॉ पंकज बोदरा ने भी ऐसी घटनाओं की निंदा करते हुए डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है.

रांची: आईएमए और झासा के आह्वान पर राज्यभर के 15 हजार से ज्यादा सरकारी और गैरसरकारी डॉक्टरों का अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुक्रवार सुबह 6:00 बजे से शुरू हो जायेगा. इस आंदोलन के तहत राज्य के डॉक्टर एमजीएम जमशेदपुर के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ कमलेश उरांव के साथ हुई मारपीट की घटना का विरोध कर रहे हैं. आंदोलन में शामिल डॉक्टर अस्पताल तो आयेंगे, लेकिन मरीजों को परामर्श नहीं देंगे. उधर, निजी अस्पतालों में भी ओपीडी सेवाएं बाधित रहेंगी. हालांकि, सरकारी और निजी अस्पतालों में सभी आपातकालीन सेवाएं बहाल रहेंगी. साथ ही पोस्टमार्टम के केस भी निबटाये जायेंगे. डॉक्टरों का आंदोलन आरोपियों की गिरफ्तारी होने तक जारी रहेगा. आपको बता दें कि जमशेदपुर के साकची थाने में दर्ज शिकायत में डॉक्टर की ओर से बताया गया है कि शिशु विभाग में इलाजरत अन्नू प्रधान की स्थिति काफी गंभीर थी. परिजनों को लगातार इसकी जानकारी दी जा रही थी. बच्ची की मौत के बाद 10 से 15 लोग पीआइसीयू में घुस गये. इन लोगों ने गाली-गलौज करते हुए मारपीट की. हथियार से सिर, छाती व हाथ में मारा.

डॉक्टरों के आंदोलन को समर्थन

इधर, एसोसिएशन ऑफ हेल्थ केयर प्रोवाइडर (एएचपीआइ) की झारखंड शाखा ने भी डॉक्टरों के इस आंदोलन को समर्थन दिया है. एसोसिएशन के योगेश गंभीर के आह्वान पर निजी अस्पतालों ने भी ओपीडी सेवाएं बंद करने की घोषणा कर दी है. वहीं, ट्राइबल मेडिकल एसोसिएशन और रिम्स जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने भी आंदोलन का समर्थन किया है. आइएमए ने रिम्स सहित सभी मेडिकल कॉलेजों को आंदोलन से संबंधित सूचना से अवगत करा दिया है. हालांकि, मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने अपने सीनियर डॉक्टरों से ओपीडी सेवाएं बहाल रखने का आग्रह किया है. झासा के अध्यक्ष डॉ पीपी शाह और सचिव डॉ ठाकुर मृत्युंजय सिंह ने कहा कि डॉक्टरों के लगातार ऐसी घटनाएं हो रही हैं. आईएमए रांची के अध्यक्ष डॉ शेखर चौधरी काजल और सचिव डॉ पंकज बोदरा ने भी ऐसी घटनाओं की निंदा करते हुए डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है. डॉ अभिषेक रामादीन ने बताया कि आईएमए के पदाधिकारी और डॉक्टर शुक्रवार सुबह 9:00 बजे रिम्स में एकत्र होकर विरोध-प्रदर्शन करेंगे.

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मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करे सरकार

आईएमए के सचिव डॉ प्रदीप सिंह ने कहा कि आईएमए वर्षों से राज्य सरकार से ‘मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट’ लागू करने का आग्रह करता आ रहा है, लेकिन इस पर अब तक फैसला नहीं हो पाया है. एमजीएम के शिशु रोग विशेषज्ञ के साथ मारपीट के विरोध में शुक्रवार सुबह 6:00 बजे से राज्य भर के डॉक्टर कार्य बहिष्कार करेंगे, लेकिन आपातकाली सेवाएं बहाल रहेंगी.

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ये है पूरा मामला

देवनगर निवासी दीपक प्रधान अपनी पांच वर्ष की बेटी अन्नू प्रधान को लेकर इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल पहुंचे थे. इस दौरान बच्ची बेहोश थी. डॉक्टरों ने जांच की तो पता चला कि बच्ची में ब्रेन मलेरिया व संदिग्ध डेंगू के लक्षण हैं. गंभीर स्थिति को देखते हुए बच्ची को अस्पताल के पीआइसीयू में भर्ती किया गया. सोमवार की रात लगभग 1.20 बजे बच्ची को मौत हो गयी. इसके बाद बच्ची के साथ आए कई लोग ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक से पूछताछ करने लगे. थोड़ी देर में परिजन और चिकित्सक के बीच बहस हुई. इसके बाद उसके परिजनों ने चिकित्सक पर हमला कर दिया. इसमें चिकित्सक डॉ कमलेश उरांव के सिर, हाथ, पेट, पीठ सहित अन्य कई जगहों पर चोट आयी है.

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अन्नू प्रधान की स्थिति थी काफी गंभीर

जमशेदपुर के साकची थाने में दर्ज शिकायत में डॉक्टर की ओर से बताया गया है कि शिशु विभाग में इलाजरत अन्नू प्रधान की स्थिति काफी गंभीर थी. परिजनों को लगातार इसकी जानकारी दी जा रही थी. बच्ची की मौत के बाद 10 से 15 लोग पीआइसीयू में घुस गये. इन लोगों ने गाली-गलौज करते हुए मारपीट की. हथियार से सिर, छाती व हाथ में मारा. इससे सिर व कलाई से खून निकलने लगा. इससे वह अचेत होकर गिर गये. इसके बाद भी हमलावर मारपीट करते रहे. इस दौरान सुरक्षा में तैनात होमगार्ड के जवान मौके पर मौजूद नहीं थे.

मारपीट का डॉक्टरों ने जताया विरोध, दिया धरना

जमशेदपुर के एमजीएम (महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज) अस्पताल के पीआईसीयू वार्ड में कार्यरत पीजी मेडिकल के छात्र सह चिकित्सक डॉ कमलेश उरांव के साथ पिछले दिनों मारपीट की गयी थी. आरोप है कि पांच साल की बच्ची की मौत से आक्रोशित परिजनों ने डॉक्टर के कमरे में घुसकर हमला कर दिया था. इस दौरान डॉक्टर गंभीर रूप से घायल हो गये थे. घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. इसके विरोध में एमजीएम सहित अन्य अस्पतालों के चिकित्सकों ने विरोध प्रदर्शन किया. इसके बाद एमजीएम के ओपीडी के मेन गेट को बंद कर धरना दिया गया.

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