Jharkhand Election, रांची: रांची के पूर्व सांसद व कांके विधानसभा क्षेत्र के विधायक रहे रामटहल चौधरी ने 1967 में पहला विधानसभा चुनाव लड़ा था. उन्होंने मुखिया से लेकर सांसद तक का सफर तय किया. कांके विधानसभा क्षेत्र से वे दो बार विधायक व रांची लोकसभा सीट से पांच बार सांसद चुने गये. श्री चौधरी ने बताया कि जब वे पहली बार कांके विधानसभा से चुनाव लड़े थे, तो लगभग पांच से सात हजार रुपये खर्च हुए थे. श्री चौधरी ने बताया चुनाव प्रचार पैदल व साइकिल से करते थे. एक दिन में अधिकतम 40 से 50 किलोमीटर क्षेत्र का दौरा करते थे. चुनाव में कार्यकर्ता ही सभी जिम्मेदारी संभालते थे. लोग यह आश्वासन देते थे इस इलाके की जिम्मेदारी उन पर है. उस क्षेत्र में आने वाले सभी मतदान केंद्रों की जिम्मेदारी व एजेंट से लेकर उसके खाने तक का खर्च कार्यकर्ता ही उठाते थे. उन्होंने बताया एक बार चुनाव में प्रचार के लिए वे साइकिल रैली निकाले थे. रैली में लगभग 400 साइकिल सवार शामिल हुए थे.
हो गई थी जमानत जब्त
बता दें कि रामटहल चौधरी 1967 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े थे. 1969 से 71 और 1972 से 1977 तक बिहार विधानसभा के लिए चुने गए. फिर वे 1977 से 1996 तक ओरमांझी के ग्राम पंचायत के मुखिया रहे. रामटहल चौधरी 1988 में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष बने. 1991 और 1996 में वे दो बार लोकसभा के सांसद बने. फिर वे 1988 और 1999 में लोकसभा के लिए चुने गए. 2014 में वे फिर से लोकसभा के लिए चुने गए. हलांकि 2019 लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने चौधरी का टिकट काट कर संजय सेठ को दे दिया था, जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा, हालांकि कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाए और उनकी जमानत जब्त हो गई थी.
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