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नहीं चुकाया बकाया, झारखंड ऊर्जा विकास निगम के दो भवनों को अटैच करने का आदेश

रामजी पावर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड कोकर रांची द्वारा वर्ष 2009 में आरएपीडीआरपी के तहत जमशेदपुर में 2.32 करोड़ का काम किया गया था. वहीं, देवघर-दुमका ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण 3.22 करोड़ में किया गया था.

सुनील चौधरी, रांची

कॉमर्शियल कोर्ट रांची ने झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के एचइसी और कुसई कॉलोनी स्थित झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड के समूचे कार्यालय व चल संपत्ति को अटैच करने का आदेश दिया है. यह आदेश रामजी पावर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड कोकर, रांची बनाम झारखंड ऊर्जा विकास निगम तथा झारखंड ऊर्जा संचरण निगम के मामले में दिया गया है. कॉमर्शियल कोर्ट के पीठासीन पदाधिकारी एमसी झा ने रामजी पावर का बकाया करीब 20 करोड़ का भुगतान न किये जाने पर उक्त आदेश दिया है. नौ जनवरी 2024 तक इस आदेश के अनुपालन का आदेश दिया गया है. झारखंड ऊर्जा विकास निगम के सूत्रों ने बताया कि आठ जनवरी को निगम के अधिवक्ता इस आदेश पर स्थगन आदेश के लिए कोर्ट में अपील करेंगे.

रामजी पावर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड कोकर रांची द्वारा वर्ष 2009 में आरएपीडीआरपी के तहत जमशेदपुर में 2.32 करोड़ का काम किया गया था. वहीं, देवघर-दुमका ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण 3.22 करोड़ में किया गया था. जब भुगतान की बारी आयी, तो तत्कालीन झारखंड स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड(जेएसइबी) ने तकनीकी खामियां बताते हुए भुगतान से इनकार किया था. इसके खिलाफ कोर्ट में अपील की गयी. मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट द्वारा ब्याज समेत राशि भुगतान करने का आदेश वर्ष 2019 में ही दिया गया था. जब राशि का भुगतान नहीं किया गया था, तब रामजी पावर ने इसके अनुपालन के लिए कॉमर्शियल एक्सीक्यूशन कोर्ट में अपील की. इसके बाद 14 दिसंबर 2023 को कॉमर्शियल कोर्ट ने ऊर्जा विकास निगम तथा संचरण निगम के भवन व चल संपत्ति नौ जनवरी तक अटैच करने का आदेश दिया है.

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