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झारखंड हाईकोर्ट ने जारी की ई-सेवाओं की क्यूआर निर्देशिका, एक्टिंग चीफ जस्टिस बोले- टेक्नोलॉजी ने बदली अदालती कार्यवाही

झारखंड हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस एस चंद्रशेखर ने कहा कि प्रौद्योगिकी ने अदालती कार्यवाही बदल दी है. अदालत ने सिर्फ 70 कार्य दिवसों में एक जनवरी 2024 से लेकर 30 अप्रैल 2024 के बीच 19 न्यायाधीशों के साथ 24769 मामलों का निबटारा किया है.

रांची : झारखंड हाईकोर्ट की ओर से बुधवार को एंड्रॉयड मोबाइल ऐप तथा ई-सेवाओं की क्यूआर निर्देशिका जारी किये गये. इस मौके पर समारोह को संबोधित करते हुए एक्टिंग चीफ जस्टिस एस चंद्रशेखर ने कहा कि प्रौद्योगिकी ने अदालती कार्यवाही बदल दी है. प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के साथ पहुंच व दक्षता में वृद्धि की जरूरत है. हालांकि, प्रगति के साथ चुनौतियां भी आती हैं. हाइकोर्ट में नया युग शुरू हो रहा है.

उन्होंने कहा कि कामकाज में कार्यकुशलता झलकनी चाहिए. झारखंड हाइकोर्ट ने सिर्फ 70 कार्य दिवसों में एक जनवरी 2024 से लेकर 30 अप्रैल 2024 के बीच 19 न्यायाधीशों के साथ 24769 मामलों का निबटारा किया है. इसमें पांच डिविजन बेंच व नौ एकल पीठ ने मामलों की सुनवाई की है. हाइकोर्ट ने लंबित मामलों को कम करने के लिए कड़ी मेहनत की है. इस दौरान दीवानी मामलों के निबटारे की दर 176.59 प्रतिशत तथा आपराधिक मामलों में 123.34 प्रतिशत दर्ज की गयी है. इससे लंबित मामलों में 6.11 प्रतिशत से अधिक की कमी आयी है. एक जनवरी 2024 को कुल लंबित मामले 85,593 थे. एक्टिंग चीफ जस्टिस ने कहा कि एंड्रॉयड मोबाइल एप्लीकेशन और क्यूआर निर्देशिका वकीलों के साथ-साथ न्याय के अन्य हितधारकों के लिए सुविधा लायेगी.

कई सेवाएं हो जायेंगी आसान :

कंप्यूटर व डिजिटलीकरण समिति के अध्यक्ष सह जस्टिस आनंद सेन ने कहा कि हाइकोर्ट की तकनीकी टीम समाधान प्रदान करके समाज की जरूरतों को पूरा करने की दिशा में काम कर रही है. मोबाइल ऐप को सीपीसी की तकनीकी टीम ने घर में ही विकसित की है, जो आज जारी की गयी है. यह केस की स्थिति, कारण सूची, आदेश व निर्णय जैसी सेवाओं का लाभ उठाने के लिए न्याय वितरण प्रणाली के हितधारकों तक पहुंच को आसान बनायेगा. डिस्प्ले बोर्ड, ई-फाइलिंग, प्रमाणित प्रतियां प्राप्त करना और अन्य सेवाएं आसान हो जायेंगी.

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जल्द ही कागज रहित अदालत में पेश हो सकेंगे वकील

जस्टिस आनंद सेन ने कहा कि वह दिन अब दूर नहीं, जब वकीलों को अदालत कक्ष में फाइलें व जर्नल ले जाने की जरूरत नहीं होगी तथा वे कागज रहित अदालत में पेश हो सकेंगे. हाइकोर्ट में दो अदालतें पेपरलेस चल रही हैं तथा एक अदालत की मुकदमे की कार्यवाही लाइव स्ट्रीमिंग पर है. उन्होंने यह भी बताया कि जिला अदालतों में भी डिजिटलीकरण शुरू हो गया है. जल्द ही जिला अदालतें भी पेपरलेस हो जायेंगी. इससे पूर्व रजिस्ट्रार जनरल मो शाकिर ने स्वागत भाषण दिया तथा धन्यवाद ज्ञापन बीरेश कुमार ने किया. मौके पर हाइकोर्ट के सीनियर जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद, जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय सहित अन्य न्यायाधीशगण, महाधिवक्ता राजीव रंजन, वरीय अधिवक्ता, अधिवक्ता सीपीसी टीम आदि उपस्थित थे.

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