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झारखंड: अफसरों की मदद से फर्जी दस्तावेज के आधार पर विष्णु अग्रवाल खरीदता था जमीन, छवि रंजन की थी बड़ी भूमिका

ईडी ने कोर्ट को बताया कि अब तक की जांच के दौरान विष्णु अग्रवाल द्वारा अधिकारियों की मदद से फर्जी दस्तावेज के सहारे तीन जमीन खरीदने की पुष्टि हुई है.

रांची: कारोबारी और न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल को मंगलवार को जेल भेज दिया गया. ईडी ने सात दिनों की रिमांड मांगी है, जिस पर बुधवार को सुनवाई होनी है. इधर पीएमएलए कोर्ट को इडी ने जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक विष्णु अग्रवाल जानबूझ कर अफसरों की मदद से फर्जी दस्तावेज के आधार पर जमीन खरीदता था.

रांची के पूर्व डीसी छविरंजन ने गोपनीय दस्तावेज भी विष्णु अग्रवाल के साथ साझा किये थे. साथ ही छविरंजन ने अपने करीबी लोगों को नौकरी दिलाने के लिए बॉयोडाटा भी विष्णु अग्रवाल को भेजा है. ईडी ने कोर्ट को बताया कि अब तक की जांच के दौरान विष्णु अग्रवाल द्वारा अधिकारियों की मदद से फर्जी दस्तावेज के सहारे तीन जमीन खरीदने की पुष्टि हुई है.

इसमे चेशायर होम रोड स्थित एक एकड़ ( खाता-37,प्लॉट-28) जमीन, नामकुम अंचल के पुगड़ू स्थित 9.30 एकड़ ( खाता-93, प्लॉट नंबर 543, 544, 546, 547) जमीन और सिरमटोली स्थित 5.88 एकड़( एमएस प्लॉट नंबर 908,851पी,वार्ड नंबर छह) शामिल है. जांच में पाया गया कि विष्णु अग्रवाल ने छवि रंजन की मदद से सिरमटोली में सेना के लिए अधिग्रहित जमीन खरीद ली. सरकार द्वारा इस जमीन के बदले मुआवजा राशि का भुगतान किया जा चुका है. इसकी जानकारी छवि रंजन और विष्णु अग्रवाल दोनों को ही थी. इसके बावजूद इस जमीन की खरीद बिक्री हुई.

इडी ने विष्णु अग्रवाल प्रकरण में सिरमटोली स्थित जमीन की खरीद बिक्री की भी जांच की. इसमें पाया गया कि केंद्र सरकार ने सेना के लिए इस जमीन का अधिग्रहण कर लिया था. 1949 में इससे संबंधित गजट प्रकाशित हुआ था. विष्णु अग्रवाल और छविरंजन के ठिकानों पर छापामारी और दस्तावेज की जांच के दौरान दोनों के पास से जमीन अधिग्रहण और मुआवजा भुगतान से संबंधित गजट की कॉपी पायी गयी थी.

इसके बावजूद तत्कालीन उपायुक्त ने जमीन की खरीद बिक्री में मदद की. साथ ही मामले से जुड़े सरकारी पत्रों को विष्णु अग्रवाल के साथ साझा किया. इस जमीन की खरीद बिक्री के लिए भी कोलकाता स्थित रजिस्ट्री कार्यालय में रखे गये मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ कर मनपसंद लोगों को जमीन की फर्जी मालिक बनाया गया. इन्हीं फर्जी मालिकों से विष्णु अग्रवाल ने यह जमीन खरीदी. कोलकाता की महुआ मित्रा और संजय घोष से विष्णु अग्रवाल ने जमीन खरीदी. सेल डीड में जमीन के लिए 15 करोड़ रुपये के भुगतान का दावा किया.

जांच में पाया गया कि इसमें 12 करोड़ रुपये के भुगतान का फर्जी दावा किया गया है. इडी ने नामकुम स्थित जमीन की खरीद बिक्री के सिलसिले में कोर्ट को यह जानकारी दी कि संबंधित जमीन खास महाल प्रकृति है. इसकी खरीद बिक्री नहीं की जा सकती है. जांच में पाया गया कि छवि रंजन ने इस जमीन के सिलसिले में सरकार के संयुक्त सचिव को एक पत्र भेजा था. छवि रंजन ने इस पत्र को विष्णु अग्रवाल के साथ साझा किया था. संयुक्त सचिव को लिखे गये इस पत्र में छवि रंजन ने एसआइटी की रिपोर्ट की समीक्षा करने से इनकार कर दिया था. चेशायर होम रोड स्थित जमीन के मामले में कोर्ट को यह जानकारी दी गयी है कि इसे भी विष्णु अग्रवाल ने जालसाजी कर तैयार किये गये दस्तावेज के आधर पर खरीदा था.

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