राजधानी सहित राज्य की विधि-व्यवस्था पर सत्ता पक्ष के कांग्रेसी विधायकों ने चिंता जतायी है. विधायकों का कहना है कि राज्य में खासकर रांची की विधि-व्यवस्था चिंताजनक हो गयी है. मुख्यमंत्री को इस पर तत्काल पहल करनी चाहिए. इससे सरकार की छवि पर असर पड़ रहा है. राज्य में हर दिन हत्या, लूट और डकैती की घटना हो रही है. कांग्रेस विधायकों की बैठक गुरुवार को मंत्री आलमगीर आलम के आवास पर हुई.
इस बैठक में विधायकों ने विधि-व्यवस्था के हालात पर खुल कर नाराजगी जाहिर की. विधायकों ने यहां तक कहा कि सरकार हमारे बॉडीगार्ड वापस ले ले, लेकिन जनता की सुरक्षा तय हो. बैठक में मंत्री रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता, बादल पत्रलेख, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, विधायक उमाशंकर अकेला, इरफान अंसारी, नमन विक्सल कोंगाड़ी, राजेश कच्छप, भूषण बाड़ा, रामचंद्र सिंह, पूर्णिमा सिंह, दीपिका पांडेय सिंह और नेहा तिर्की शामिल हुईं.
बैठक के बाद प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि पार्टी के विधायकों ने विधि-व्यवस्था को लेकर अपनी बातें रखी हैं. कानून व्यवस्था को लेकर गठबंधन के दूसरे दलों से भी बात होगी. हम सरकार में हैं, हमारी जवाबदेही है. जनता की सुरक्षा हर हाल में सुनिश्चित होनी चाहिए. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि विधायकों ने कहा कि मुख्यमंत्री तक अपनी बातें पहुंचायेंगे. माकपा नेता सुभाष मुंडा की हत्या को लेकर भी चिंता जतायी गयी.
कांग्रेस के विधायकों का कहना था कि राज्यपाल ने कई विधेयक वापस कर दिये हैं. इसमें स्थानीयता, ओबीसी आरक्षण और मॉब लिचिंग का बिल है. सरकार से ये बिल फिर से सदन में लाने का आग्रह किया जायेगा. राज्यहित में इन विधेयकों का पारित होना जरूरी है. कांग्रेस विधायकों ने मणिपुर की घटना पर जोरदार विरोध करने की बात कही. सत्र के दौरान इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने के लिए गठबंधन के सारे दलों को साथ आने पर चर्चा की गयी.