झारखंड के विधायकों का वेतन-भत्ता प्रतिमाह 47 हजार रुपये बढ़ेगा. इस संबंध में विधानसभा की विशेष समिति ने अपनी अनुशंसा विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो को सौंप दी है. समिति ने विधायकों की अन्य सुविधाओं में भी वृद्धि करने की अनुशंसा की है. विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विधायकों की ओर से सर्वसम्मति से वेतन-भत्ता बढ़ाने का प्रस्ताव लाया गया था. इसके बाद भाजपा विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी की अध्यक्षता में विशेष समिति का गठन किया गया था. इसमें प्रदीप यादव, भानु प्रताप शाही, दीपिका पांडेय सिंह और समीर कुमार मोहंती सदस्य थे.
समिति ने अपनी अनुशंसा में कहा कि वर्तमान विधानसभा के सदस्यों को वर्ष 2017 में निर्धारित वेतन-भत्ता व पेंशन प्राप्त हो रहा है. इसलिए यह जरूरी लग रहा है कि बढ़ती हुई महंगाई को देख कर सदस्यों के वेतन-भत्ता और पेंशन में एक उचित राशि की वृद्धि की जाये. कुछ विधानसभा से जो प्रतिवेदन प्राप्त हुए हैं, उसमें महाराष्ट्र के सदस्यों का बेसिक वेतन 67 हजार है और महंगाई भत्ता 88 हजार रुपये हैं. इसी तरह अन्य राज्यों में भी अगल-अलग सुविधाएं सदस्यों को दी जा रही हैं. कई राज्यों में वर्ष 2022 व 2023 में वृद्धि की गयी है.
मद वर्तमान प्रावधान अनुशंसा
वेतन 40 हजार प्रतिमाह 60 हजार प्रतिमाह
सवारी भत्ता तीन हजार प्रतिमाह पांच हजार प्रतिमाह
क्षेत्रीय भत्ता 65 हजार प्रतिमाह 80 हजार प्रतिमाह
सत्कार भत्ता 30 हजार प्रतिमाह 40 हजार प्रतिमाह
दैनिक भत्ता राज्य के अंदर दो हजार व राज्य के अंदर तीन हजार व
राज्य के बाहर 2500 प्रतिदिन बाहर चार हजार प्रतिदिन
निजी सहायक 35 हजार प्रतिमाह 50 हजार प्रतिमाह
कंप्यूटर/लैपटॉप
(प्रिंटर सहित) 70 हजार अनुमान्य एक लाख अनुमान्य
समाचार पत्र पत्रिकाओं दो हजार प्रतिमाह तीन हजार रुपये प्रतिमाह
अनुसेवक 25 हजार प्रतिमाह 30 हजार प्रतिमाह
गृह ऋण की सुविधा 40 लाख रुपये गृह ऋण 50 लाख रुपये गृह ऋण
चार प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर चार प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर
पेंशन 40 हजार प्रतिमाह 50 हजार रुपये प्रतिमाह
पेंशन में वार्षिक वृद्धि चार हजार रुपये प्रतिमाह पांच हजार प्रति माह
(1.10 लाख रुपये तक) (अधिकतम दो लाख तक)
निजी परिसहाय नहीं मिलता था पूर्व सदस्यों को एक निजी
परिसहाय के लिए 15000 प्रतिमाह
रांची. विधानसभा की विशेष समिति ने पूर्व विधानसभा अध्यक्षों को रांची में एक सुसज्जित आवास देने की अनुशंसा की है. सीपी सिंह की अध्यक्षता में गठित समिति ने मॉनसून सत्र के दौरान रिपोर्ट स्पीकर को सौंप दी है. समिति ने अनुशंसा की है कि विस अध्यक्ष को एफ टाइप आवास मिलना चाहिए. इसके अतिरिक्त एक आप्त सचिव, दो दिनचर्या लिपिक, दो अनुसेवक, एक कार चालक, प्रति माह 300 लीटर ईंधन देने की बात कही गयी है.
टेलीफोन, मोबाइल के लिए तीन वर्ष के अंतराल पर 50,000 रुपये तथा 3000 रुपये का वाउचर प्रतिमाह देने की अनुशंसा की है. आवास के लिए प्रतिमाह 5000 रुपये बिजली बिल का खर्च और राज्य के अतिथिगृह, विश्रामगृह में नि:शुल्क विश्राम की व्यवस्था करने की अनुशंसा भी है. कमेटी ने दिल्ली प्रवास के दौरान झारखंड भवन में एक उच्च कोटि का कमरा नि:शुल्क देने और एसी कार की सुविधा देने की बात कही है. इसके अलावा निजी सुरक्षा के गार्ड, आवास के लिए एक चार का आरक्षी बल की मांग की है. नलिन सोरेन और रामचंद्र सिंह भी समिति में शामिल थे. 14 मार्च को सत्र के दौरान सीपी सिंह ने मामला उठाया था.