झारखंड मुक्ति मोर्चा को मंगलवार को बड़ा झटका लगा. जामा विधायक सीता सोरेन ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता के साथ साथ विधायक पद से भी इस्तीफे दे दिया है. अधिकारिक, सूत्रों के अनुसार उन्होंने मेल के जरिये विधानसभा स्पीकर के पास इस्तीफे का पत्र भेज दिया है. जानकारी के मुताबिक वह अभी दिल्ली में मौजूद हैं और आज दोपहर ढाई बजे बीजेपी का दामन थाम लेंगी. वह झामुमो में महासचिव के पद पर थीं. सीता सोरेन ने पत्र लिखकर झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन को इस्तीफे की जानकारी दी. उन्होंने शिबू सोरेन को लिखे पत्र में कहा है कि पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के बड़े भाई दुर्गा सोरेन ने आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई थी, लेकिन हमारे परिवार को अब अलग-थलग कर दिया गया है. हमें लगा कि हमारी स्थिति सुधरेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. मेरे पति दुर्गा सोरेन ने बहुत मेहनत से पार्टी का निर्माण किया था लेकिन अब पार्टी उनलोगों के हाथ में चली गई है, जिनके विचार पार्टी की विचारधारा से मेल नहीं खाती है.
क्या लिखा है अपने इस्तीफे में
झामुमो से जामा विधायक सीता सोरेन ने इस्तीफे की बड़ी वजह बतायी अपनी उपेक्षा को बतायी है. उन्होंने पत्र लिखकर कहा है कि कि दुर्गा सोरेन ने आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभायी थी लेकिन हमारे परिवार को अब अलग-थलग कर दिया गया है. हमें लगा कि हमारी स्थिति सुधरेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. मेरे पति दुर्गा सोरेन ने बहुत मेहनत से पार्टी का निर्माण किया था लेकिन अब पार्टी उनलोगों के हाथ में चली गई है, जिनकी विचारधारा से पार्टी से मेल नहीं खाती है.
सीता सोरेन आगे अपने पत्र में लिखती है कि गुरुजी शिबू सोरेन ने हम सब को एकजुट रखने का भरसक प्रयास किया. लेकिन मुझे अफसोस है कि उनका प्रयास भी विफल रहा. हाल ही में मुझे अहसास हुए कि मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ गहरी साजिश रची जा रही है. मैं अत्यंत दुखी हूं. मैंने ये दृढ़ निश्चय किया है कि मुझे झारखंड मुक्ति मोर्चा और इस परिवार को छोड़ना होगा.
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शिबू सोरेन का किया शुक्रिया अदा
जामा विधायक सीता सोरेन ने झामुमो सुप्रीमो को शुक्रिया अदा कर उन्हें शुभकामनाएं दी है. साथ ही साथ उन्होंने यह आग्रह भी किया है कि उनके इस्तीफे को स्वीकार कर लिया जाए.
कौन है सीता सोरेन
सीता सोरेन पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के बड़े भाई दुर्गा सोरेन की पत्नी हैं. उनकी दो बेटियां हैं. जिसका नाम राजश्री सोरेन और जयश्री सोरेन है. दोनों अपने पिता के नाम पर एक पार्टी का गठन किया था. इसका नाम दुर्गा सोरेन सेना रखा था.