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झारखंड नगर निकाय चुनाव: रांची मेयर सीट आरक्षण को लेकर ठनी रार, ST और SC दोनों ने दी आंदोलन की चेतावनी

आदिवासी अधिकार रक्षा मंच के लक्ष्मी नारायण मुंडा ने हा कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा झारखंड के पांचवीं अनुसूची जिलों में भी नगर निकायों का चुनाव सामान्य कानून से कराया जाता रहा है.

झारखंड में पांचवीं अनुसूची के प्रावधानों का उल्लंघन कर नगर निकाय चुनाव कराने की साजिश और आदिवासियों का प्रतिनिधित्व खत्म किये जाने के खिलाफ आदिवासी संगठनों ने अलबर्ट एक्का चौक पर नगरपालिका अधिनियम-2011 की प्रति जलायी और राज्य निर्वाचन आयोग का पुतला फूंका.

आदिवासी अधिकार रक्षा मंच के लक्ष्मी नारायण मुंडा ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा झारखंड के पांचवीं अनुसूची जिलों में भी नगर निकायों का चुनाव सामान्य कानून से कराया जाता रहा है. वहीं, यही आयोग पांचवीं अनुसूची जिलों में विशेष पंचायत कानून (पेसा कानून) के तहत त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराता है.

श्री मुंडा ने कहा कि एक ही शिड्यूल एरिया में पंचायत चुनाव विशेष कानून के तहत और नगर निकायों का चुनाव सामान्य कानून से हो, यह संविधान विरोधी, आदिवासी विरोधी और पांचवीं अनुसूची के प्रावधानों का उल्लंघन है. इस चुनाव से शिड्यूल एरिया में भी आदिवासियों का प्रतिनिधित्व समाप्त हो रहा है. संताल परगना प्रमंडल के दुमका, साहेबगंज, पाकुड़, जामताड़ा जिले, कोल्हान प्रमंडल के पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खारसावां जिले,

दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के रांची जिले में नगर निगम, नगर परिषद व नगर पंचायत के एकल पद को अनारक्षित या अनुसूचित जाति का कर दिया गया है. जबकि, ये सभी क्षेत्र पांचवीं अनुसूची जिलों के अंतर्गत आते हैं. ऐसे में नगर निकायों का चुनाव रोका जाये और पांचवीं अनुसूची जिलों के नगरीय क्षेत्र में आदिवासियों के लिए एकल पद आरक्षित कर नगरपालिका अधिनियम का विशेष कानून बनाकर ही यह चुनाव कराया जाये.

ये थे मौजूद

मौके पर अजय तिर्की, प्रेम शाही मुंडा, बबलू मुंडा, अजीत उरांव, अभय भुटकुंवर, मानू तिग्गा, सुशील उरांव, निरंजना हेरेंज टोप्पो, कुंदरसी मुंडा, रूपचंद, मुन्ना उरांव, सचिन कच्छप, विकास तिर्की, आकाश तिर्की, जयंत कच्छप, योगेंद्र उरांव, शशिकांत टोप्पो, विजय कच्छप, दिनेश कच्छप, प्रकाश हंस, दिनेश मुंडा, विशाल लिंडा, किशोर लोहरा, प्रकाश मुंडा, करमा लिंडा, कुलदीप तिर्की, अजय कच्छप, सुनील उरांव, डॉ प्रवीण उरांव, सुभानी तिग्गा, सुभाष मुंडा आदि थे.

आरक्षण बदला, तो 50 लाख एससी सड़क पर उतरेंगे

रांची में मेयर पद के आरक्षण को लेकर हो रहे विवाद को देखते हुए अनुसूचित जाति की 22 उपजातियों के सामाजिक संगठनों की बैठक रॉक गार्डेन कांके में हुई. बैठक में वक्ताओं ने कहा कि रांची मेयर की सीट रोस्टर के तहत एससी के लिए आरक्षित की गयी है. लेकिन, कुछ लोग दबाव बनाकर इसे बदलने का नापाक प्रयास कर रहे हैं. अगर इसमें किसी प्रकार का संशोधन हुआ, तो राज्य के 50 लाख एससी सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होंगे.

आंदोलन तेज करने के लिए अनुसूचित जाति समन्वय समिति का गठन किया गया. इस समिति में नीरज पासवान, सीताराम रवि, भगत वाल्मीकि व खुदा राम को संरक्षक, उपेंद्र कुमार को अध्यक्ष, रामलगन राम को कार्यकारी अध्यक्ष, रंजन पासवान, योगेंद्र लाल को महासचिव, कमलेश राम, राकेश राम, नीरज नायक, जीवन राम, जगदीश दास को उपाध्यक्ष, अनिल राम को कोषाध्यक्ष, राजीव लाल व प्रदीप कुमार को मीडिया प्रभारी व विनोद राजन को कार्यालय प्रभारी चुना गया.

पिछड़ों की तरह दबाने का हो रहा प्रयास :

समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि राज्य में रह रहे लोगों के हक व अधिकार को कुछ लोग पिछड़ों के जैसा दबाने का प्रयास रहे हैं. यह संविधान के विरुद्ध है. यह फैसला कभी सफल नहीं होगा.

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