विधानसभा में गुरुवार को झारखंड नगरपालिका (संशोधन) विधेयक-2022 को पारित कर दिया गया है. इसके पूर्व इसे मंत्रिपरिषद की बैठक में स्वीकृति दी गयी थी. विधेयक में अब मेयर और अध्यक्ष पद का आरक्षण अब रोटेशन (चक्रानुक्रम) से नहीं होगा. इसे समाप्त कर दिया गया है.
रांची में मेयर का पद एसटी के लिए रिजर्व है, लेकिन रोटेशन के आधार पर इस बार यह सीट एससी के लिए रिजर्व हो गया था. विभिन्न आदिवासी संगठनों ने इसका विरोध किया था. बाद में यह मामला टीएसी में गया, जहां इस रोटेशन का विरोध हुआ. इसके बाद ही सरकार ने रोटेशन समाप्त करने के लिए इसे मंत्रिपरिषद से स्वीकृति ली थी.
विधानसभा की कमेटी राज्य में स्थित निजी विश्वविद्यालयों की जांच करेगी. शीतकालीन सत्र के चौथे दिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्पीकर रबींद्रनाथ महतो से निजी विश्वविद्यालयों की जांच कराने के लिए सदन की कमेटी बनाने का आग्रह किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ चीजों का आकलन हमें करते रहना चाहिए.
राज्य में 20 से अधिक निजी विश्वविद्यालय विधेयक पारित हुए हैं. उनकी क्या स्थिति है. इसको लेकर विधानसभा अध्यक्ष विधायकों की एक कमेटी बना दें. यह कमेटी संबंधित विश्वविद्यालयों की जांच कर रिपोर्ट देगी. इससे उच्च शिक्षा बेहतर हो सकेगी. इससे पहले ध्वनिमत से पांच विधेयक विधानसभा से पास हुए. वहीं सरकार ने जैन विश्वविद्यालय विधेयक को वापस ले लिया.