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Jharkhand News : विरोध में उतरे डॉक्टर, आज कर रहे हैं कार्य बहिष्कार, इन कामों के लिए न जाएं अस्पताल

Doctor's Protest: राष्ट्रीय आइएमए के आह्वान पर शुक्रवार को राज्य के सरकारी व निजी अस्पताल के डॉक्टर कार्य बहिष्कार करेंगे. कार्य बहिष्कार सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक होगा. कार्य बहिष्कार में ओपीडी, रूटीन सर्जरी, रेडियोलॉजी जांच और ब्लड जांच का काम प्रभावित रहेगा.

Doctor’s Protest: राष्ट्रीय आइएमए के आह्वान पर शुक्रवार को राज्य के सरकारी व निजी अस्पताल के डॉक्टर कार्य बहिष्कार करेंगे. कार्य बहिष्कार सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक होगा. कार्य बहिष्कार में ओपीडी, रूटीन सर्जरी, रेडियोलॉजी जांच और ब्लड जांच का काम प्रभावित रहेगा. राज्य के करीब 13,000 डॉक्टर कार्य बहिष्कार में शामिल होंगे. हालांकि इमरजेंसी सेवा व कोविड के कार्य को इस आंदोलन से अलग रखा गया है.

आइएमए सचिव डॉ प्रदीप सिंह व जिला आइएमए के सचिव डॉ शंभु प्रसाद ने कहा कि मिक्सोपैथी समाज के लिए घातक साबित होगा. मरीजों के लिए यह जानलेवा भी साबित हो सकता है. उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार को इस पर विचार करना चाहिए. मिक्सोपैथी से राज्य के ग्रामीण क्षेत्र के भोले मरीज फंसेंगे. इससे एलोपैथी डॉक्टरों को कुछ नहीं होगा.

हम समाज का भला चाहते हैं, इसलिए विरोध प्रदर्शन को लेकर आगाह कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार, रिम्स सहित राज्य के सभी पांच मेडिकल कॉलेजों में कार्य बहिष्कार का प्रभाव पड़ेगा. मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. ओपीडी में परामर्श नहीं मिलने पर मरीजों को इमरजेंसी सेवा का सहारा लेना पड़ेगा.

  • आयुर्वेदिक डॉक्टरों को सर्जरी की अनुमति देने का हो रहा विरोध

  • करीब 13,000 डॉक्टर आंदोलन में शामिल, सिर्फ इमरजेंसी सेवा रहेगी बहाल

  • मिक्सोपैथी को लेकर राष्ट्रीय आइएमए ने किया है देशव्यापी कार्य बहिष्कार का फैसला

झासा का समर्थन, पीएचसी व सदर अस्पताल में पड़ेगा प्रभाव : आइएमए के आंदोलन को झारखंड स्टेट हेल्थ सर्विस एसोसिएशन ने भी समर्थन किया है. राज्य सचिव डॉ बिमलेश सिंह ने बताया है कि झासा के समर्थन से जिला अस्पताल के अलावा पीएचसी व सीएचसी में कार्य प्रभावित रहेगा. इमरजेंसी सेवा काे बहाल रखने का निर्देश एसोसिएशन से जुड़े सभी डॉक्टरों को दिया गया है.

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राज्य के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने भी दिया समर्थन : डॉक्टरों के आंदोलन को रिम्स जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन सहित सभी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने समर्थन किया है. जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि सरकार के इस गलत फैसले से हमारा भविष्य खतरे में पड़ जायेगा. सात साल कठिन पढ़ाई के बाद सर्जरी में हम निपुण नहीं हो पाते हैं. वहीं आयुष डॉक्टर छह माह का प्रशिक्षण लेकर कैसे निपुण हो सकते हैं.

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Posted by : Pritish Sahay

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