रांची : झारखंड के छह और जिलों में अब जल की शुद्धता की जांच हो पायेगी. इसे लेकर पेयजल स्वच्छता विभाग ने भारत सरकार की संस्था नेशनल एक्रिडिएशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैबोरेटरीज (एनएबीएल) के पास प्रस्ताव भेजा है. एनएबीएल से अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिलने के बाद लैब में जल की जांच हो सकेगी. विभाग ने झुमरीतिलैया, पाकुड़, देवघर, चाईबासा, गढ़वा और गुमला स्थित जल जांच प्रयोगशालाओं को मान्यता देने का आग्रह किया है. इन जल जांच प्रयोगशालाओं में जलस्रोत के अलावा कोई व्यक्ति निजी स्तर पर 600 रुपये का शुल्क देकर पानी की शुद्धता की जांच करा सकेगा.
पानी की शुद्धता की जांच 16 मानकों पर की जायेगी. इनमें पानी में आनेवाले गंध, रंग, पीएच वैल्यू, पूर्णत: खुले हुए ठोस पदार्थ, गंदगी, पूर्ण क्षारीयता, पूर्ण खारापन, अवशिष्ट क्लोरीन, क्लोराइड, सल्फेट, आयरन, पूर्ण आर्सेनिक, फ्लोराइड, नाइट्रेट, पूर्ण कोलिफार्म बैक्टीरिया व थर्मोटोलरेंट कोलिफोर्म बैक्टीरिया की जांच शामिल हैं. किसी व्यक्ति द्वारा निजी स्तर पर करायी जानेवाली जल जांच की रिपोर्ट को गोपनीय रखा जायेगा. फिलहाल राज्य में सात जल जांच प्रयोगशालाओं में पानी की शुद्धता की जांच हो रही है.
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एनएबीएल से मान्यता के लिए पेयजल स्वच्छता विभाग ने भेजा प्रस्ताव
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छह जिलों में भी जल शुद्धता की जांच
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कोई व्यक्ति निजी स्तर पर “600 में करा सकेगा घर के जल की जांच
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झुमरीतिलैया, पाकुड़, देवघर, चाईबासा, गढ़वा और गुमला की प्रयोगशालाओं को मान्यता देने का आग्रह
Posted by : Sameer Oraon