Jharkhand News: झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले आदिवासियों के बीच पैठ बनाने की रणनीति बनाने में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जुट गई है. विधानसभा चुनाव के सह-प्रभारी व असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिश्व सरमा ने शनिवार (29 जून) को पार्टी के प्रमुख आदिवासी नेताओं से मुलाकात की और उनका फीडबैक लिया.
लोकसभा चुनाव में सभी 5 आदिवासी सीटों पर हारी थी भाजपा
हिमंत बिश्व सरमा ने राजधानी रांची में पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व सांसद गीता कोड़ा, पूर्व विधायक सीता सोरेन, भाजपा एसटी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर उरांव, पूर्व मंत्री सुदर्शन भगत व पूर्व आइपीएस अरुण उरांव शामिल हैं. हिमंत बिश्व सरमा ने इनसे जानना चाहा कि कहां चूक रही कि पार्टी लोकसभा में सभी 5 एसटी सीटों पर पिछड़ गयी.
हिमंत ने अर्जुन मुंडा समेत इन नेताओं से अलग-अलग की बात
लोकसभा चुनाव लड़नेवाले प्रत्याशियों अर्जुन मुंडा, गीता कोड़ा, सीता सोरेन व समीर उरांव से अलग बात कर इनका अनुभव जाना. साथ ही झारखंड विधानसभा चुनाव में अनुसूचित जनजाति के आरक्षित सीटों पर बेहतर प्रदर्शन करने के लिए इनका सुझाव लिया. पूछा कि किन मुद्दों के साथ पार्टी आदिवासियों के साथ सीधा जुड़ सकती है.
आदिवासी समुदाय के कोर इश्यू पर फिर से विचार करने की जरूरत
नेताओं की ओर से बताया कि आदिवासी समुदाय के कोर इश्यू पर फिर से विचार करने की जरूरत है. केंद्र सरकार की ओर से जनजाति समुदाय के लिए बहुत काम हुए हैं. लेकिन इसके साथ भावनात्मक जुड़ाव जरूरी है. पिछले लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के लोगों ने रणनीति के तहत गलत नैरेटिव सेट कर आदिवासियों के साथ जुड़ने का काम किया. इन्हें बरगलाया.
इंडिया गठबंधन के गलत नैरेटिव के बारे में आदिवासियों को बताना होगा
कहा कि उन सभी मुद्दों को उठाया गया, जो आदिवासी समाज सुनना चाहता है. ऐसे में अब भाजपा को आदिवासियों के कोर इश्यू के साथ जुड़कर इंडिया गठबंधन के गलत नैरेटिव के बारे में आदिवासी समुदाय को अवगत कराने की जरूरत है.
लोकसभ चुनाव में भाजपा ने 14 में से 9 सीटें जीती
हाल ही संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की 14 में से नौ सीटों पर जीत दर्ज की थी. 52 विधानसभा में भाजपा को बढ़त भी मिली, लेकिन राज्य की पांचों आदिवासी सीटों पर उसे हार का सामना करना पड़ा. इसी को ध्यान में रख कर भाजपा के सह प्रभारी हिमंता विश्वा सरमा ने जनजाति नेताओं से मुलाकात कर उनका फीडबैक लिया.
मंत्री के घर से करोड़ों बरामद होते हैं, इससे ज्यादा भ्रष्टाचार का क्या प्रमाण चाहिए : सरमा
सीता सोरेन से मुलाकात के बाद हिमंत बिश्व सरमा ने कहा कि सवाल उठ रहे हैं कि दुर्गा सोरेन का निधन हुआ था,तो उनका पोस्टमार्टम क्यों नहीं कराया गया. झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को जमानत मिलने के सवाल पर श्री सरमा ने कहा कि कब वह जेल के बाहर आते हैं और फिर अंदर जाते हैं. इसका रिकॉर्ड रखना भाजपा का काम नहीं है. झारखंड में मंत्री के पीए के घर से करोड़ों रुपये बरामद होते हैं. इससे ज्यादा भ्रष्टाचार का क्या प्रमाण चाहिए.
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