रांची : भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी को विधानसभा के अंदर नेता प्रतिपक्ष की मान्यता दिलाने की मांग लेकर पार्टी राज्यपाल द्रौपदी मुरमू के पास पहुंची़ राज्यपाल से पूरे मामले में हस्तक्षेप का आग्रह किया़ पार्टी का कहना था कि लोकतंत्र के मर्यादा व सम्मान की हत्या हो रही है़ राज्यपाल हस्तक्षेप करे़ं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, महामंत्री आदित्य साहू व प्रदीप वर्मा ने राज्यपाल से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा़
इधर प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद श्री प्रकाश ने कहा है कि हेमंत सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है़ नेता प्रतिपक्ष की घोषणा को लेकर सरकार की मंशा ठीक नहीं है़ मुख्यमंत्री प्रतिपक्ष के नेता के बिना ही विधानसभा का संचालन चाहते है़ं ऐसा लगता है कि सरकार के इशारे पर विधानसभा अध्यक्ष भी नेता प्रतिपक्ष की घोषणा नहीं कर रहे है़ं
अध्यक्ष श्री प्रकाश ने कहा है कि बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में चुनाव लड़नेवाली झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) का 11 फरवरी 2020 को भाजपा में विधिवत विलय हो चुका है़ 06 मार्च 2020 को चुनाव आयोग ने इस विलय की मान्यता प्रदान कर दी है़ राज्य सभा चुनाव की वोटिंग में चुनाव आयोग ने श्री मरांडी को भाजपा विधायक के रूप में मान्यता प्रदान की, जबकि विलय के पूर्व जेवीएम से पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण निष्कासित दो विधायक प्रदीप यादव व बंधु तिर्की को निर्दलीय बताया था़ पार्टी के कंघी सिंबल को भी फ्रिज कर दिया गया है़
ऐसे में विलय नियम सम्मत है़ सारी बातों की जानकारी विधानसभा अध्यक्ष को है़ सांसद श्री प्रकाश ने कहा कि आज सदन में पार्टी के 26 विधायक है़ं विधानसभा में भाजपा विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी है़ लेकिन सदन को प्रतिपक्ष का नेता से वंचित किया जा रहा है़ भाजपा नेता ने कहा कि प्रदेश में लोकतंत्र की परंपरा और मर्यादाओं का सत्ता पक्ष द्वारा मखौल उड़ाया जा रहा़ भाजपा नेताओं ने राज्यपाल से कहा कि आप संवैधानिक प्रधान हैं, इसलिए निवेदन लेकर आये है़ं सरकार को आवश्यक दिशा-निर्देश दे़ं
स्पीकर पर दबाव बनाना चाहती है भाजपा : कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे व डाॅ राजेश गुप्ता छोटू ने भाजपा पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के मुद्दे में संसदीय परंपरा को दरकिनार करने और स्पीकर के न्यायाधिकरण पर अनुचित दबाव बनाये जाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार में लगभग साढ़े चार वर्षों तक बाबूलाल मरांडी की पार्टी झाविमो के छह विधायकों के दल-बदल का मामला सरकार के दबाव की वजह से लटकाये रखा गया.
2019 का विधानसभा चुनाव झाविमो के बैनर तले ही लड़ कर राजधनवार की जनता के साथ छल करते हुए श्री मरांडी भाजपा चले गये. प्रवक्ताओं ने कहा कि दल-बदल का मामला अभी विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष विचाराधीन है. स्पीकर सभी कानूनी पहलुओं पर विचार कर और कानूनी सलाह के बाद फैसला लेंगे. भाजपा को दबाव बनाने की राजनीति छोड़ कर लॉकडाउन से उत्पन्न स्थिति से निपटने में सरकार को सहयोग करना चाहिए.
Post by : Pritish Sahay