रांची. माकपा की पोलित ब्यूरो सदस्य सह झारखंड प्रभारी वृंदा करात ने कहा कि झारखंड में तमाम शक्तियों को एकजुट होकर चुनाव लड़ना चाहिए. वह शनिवार को रांची प्रेस क्लब में पत्रकारों को संबोधित कर रही थीं. उन्होंने एक तरफ भाजपा तो दूसरी तरफ झामुमो-कांग्रेस को भी निशाने पर लिया. कहा कि भाजपा इस चुनाव को किसी भी कीमत पर जीतना चाहती है और इसमें निर्वाचन आयोग के साथ ही केंद्रीय एजेंसियां उनके सहयोग के लिए साथ खड़ी हैं.
उन्होंने कहा कि चुनाव तो हमने बहुत देखे हैं, लेकिन इस बार झारखंड का चुनाव जीतने के लिए दलों के बीच एक होड़ सी लगी है. झारखंड में जब चुनाव होता है तो पैसा, धमकी, विभाजन और सांप्रदायिकता की बातें ही चलती हैं. यह एक गैर सैद्धांतिक चुनाव है और यह झारखंड के वर्चस्व का चुनाव है. उन्होंने कहा कि झारखंड के खनन बहुल क्षेत्रों में आदिवासियों के हितों की अनदेखी की जा रही है. उन्होंने कहा कि खनन बहुल इलाकों में अधिकतर गुजरात की कंपनियां काम कर रही हैं. श्रम कानून का उल्लंघन और पर्यावरण हितों की अनदेखी करते हुए आदिवासियों को ताकत के दम पर बेदखल किया जा रहा है. संबंधित गांव में माइनिंग से होने वाला प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि वहां रहने लायक स्थिति नहीं है. वृंदा ने कहा कि झामुमो की सरकार होने के बावजूद ओपन कॉस्ट माइनिंग के क्षेत्र में न तो पर्यावरण नियमों का पालन किया जा रहा है और न ही जनता के हितों का ख्याल रखा जा रहा है. राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने कहा कि माकपा नौ सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इस बार माकपा का प्रदर्शन चुनावों में बेहतर रहेगा. मौके पर पार्टी के राज्य सचिव मंडल के सदस्य समीर दास, प्रफुल्ल लिंडा, स्वर्गीय सुभाष मुंडा की पत्नी डॉ कीर्ति सिंह मुंडा (मांडर विधानसभा प्रत्याशी), एडवा राज्य सचिव वीणा लिंडा, सुधांशु शेखर सहित अन्य मौजूद थे.चुनाव के समय इडी, सीबीआइ की कार्रवाई गलत
वृंदा करात ने कहा कि राज्य में जब विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है, ऐसे माहौल में इडी, सीबीआइ की ओर से कार्रवाई करना गलत है. यह आम चुनावों को प्रभावित कर सकती है. चुनाव के मौके पर इस प्रकार एजेंसी का दुरुपयोग करना गलत है. इडी, सीबीआई और इनकम टैक्स विभाग बीजेपी की साझा एलायंस है. इसका उपयोग कर वह लोगों को डराना-धमकाना चाहते हैं. मैं सख्त शब्दों में इसका विरोध करती हूं.
मॉडर्न कोड ऑफ कंडक्ट से ऊपर है भाजपा
माकपा की ओर से कहा गया कि भाजपा नेता मॉडर्न कोड आफ कंडक्ट से ऊपर हैं. वह इलेक्शन कमीशन की गाइडलाइन से ऊपर है. चुनाव प्रचार में ऐसी तमाम शब्दों पर पाबंदी है, लेकिन प्रधानमंत्री खुद ही टीम को कमांडर के रूप में लीड कर रहे हैं. मोरल कोड ऑफ कंडक्ट के ऊपर हमला करने के मामले में उनकी टीम में अमित शाह, हिमंता विश्वा सरमा और भाजपा के सभी वरिष्ठ नेता शामिल हैं. इन सभी का एकमात्र लक्ष्य आदिवासियों की बुनियादी मांग, मुद्दे और अधिकारों से अपनी जिम्मेदारियाें को छिपाकर सांप्रदायिकता का प्रचार करना रह गया है. उन्होंने दिवंगत सुभाष मुंडा को याद करते हुए मांडर विधानसभा सीट से कीर्ति सिंह मुंडा को उम्मीदवार के रूप में मीडिया के समक्ष पेश किया. कीर्ति सिंह मुंडा ने मुंडारी भाषा में प्रेस को संबोधित किया. कीर्ति सिंह ने कहा कि हम जनता के सभी वर्गों को साथ लेकर चलेंगे. जन समस्या को दूर करना पार्टी की सबसे बड़ी प्राथमिकता होगी.
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