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दूसरे राज्य से टेट व सीटेट पास अभ्यर्थी झारखंड शिक्षक नियुक्ति में शामिल होंगे या नहीं, फैसला जल्द

झारखंड हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि यदि सरकार विचार नहीं करती है, तो कोर्ट अगली सुनवाई में उचित आदेश पारित करेगी. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में हुई.

झारखंड हाइकोर्ट ने सीटेट उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघ व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को निर्णय लेने का निर्देश दिया. कोर्ट ने पूछा कि एनसीटीइ गाइडलाइन के अनुसार, दूसरे राज्यों से टेट पास व सीटेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को राज्य में 26001 पदों के लिए चल रही प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति में शामिल करेंगे या नहीं? इस पर राज्य सरकार को निर्णय लेकर अगली सुनवाई के पूर्व शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया.

कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि सरकार विचार नहीं करती है, तो कोर्ट अगली सुनवाई में उचित आदेश पारित करेगी. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में हुई. खंडपीठ ने माैखिक रूप से कहा कि सात वर्षों से टेट नहीं लिया गया है. इस स्थिति में उम्र सीमा में छूट देने पर भी विचार किया जाना चाहिए.

प्रार्थी व राज्य सरकार का पक्ष सुनने के बाद मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 18 अगस्त की तिथि तय की. इससे पूर्व प्रार्थियों की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार, अपराजिता भारद्वाज, कुशल कुमार, रोहित रंजन सिन्हा व विशाल कुमार ने पक्ष रखते हुए खंडपीठ को बताया कि वर्ष 2016 के बाद से अब तक झारखंड में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) नहीं ली गयी है.

सात वर्षों में लगभग चार लाख अभ्यर्थी बीएड करने के बाद टेट के आयोजन का इंतजार कर रहे हैं. इसमें सीटेट उत्तीर्ण व दूसरे राज्यों के टेट पास भी शामिल हैं. बिना टेट आयोजित किये राज्य सरकार द्वारा प्राथमिक शिक्षकों के 26001 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की गयी है. वैसी स्थिति में बीएड करनेवाले अभ्यर्थी नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने से वंचित हो जायेंगे. इस स्थिति में एनसीटीइ के प्रावधान के अनुसार, दूसरे राज्यों के टेट पास व सीटेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को चल रही नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति दी जानी चाहिए.

वहीं राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीवरंजन ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी झारखंड सीटेट उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघ की ओर से याचिका दायर की गयी है. साथ ही सूरज बिहारी मंडल, मोतीलाल नायक व आशा कुमारी ने भी याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि सीटेट को भी जेटेट की तरह झारखंड में मान्यता दी जाये, ताकि अभ्यर्थी शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हो सकें. राज्य सरकार जेटेट की परीक्षा कराने में पिछले सात वर्ष विफल रही है. सीटेट पास अभ्यर्थियों की उम्र सीमा भी समाप्त हो रही है.

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