Jharkhand Tourism: दो दिनों से हो रही अच्छी बारिश से रांची के अनगड़ा स्थित जोन्हा फॉल की रौनक लौट आयी है. झरना से कल-कल करती पानी नीचे गिर रहा है. गरमी में झरना या तो सूख जाता है या पानी नाममात्र का रहता है. बरसात में इसकी खूबसूरती देखते ही बनती है.
कहां पड़ता है यह फॉल
रांची-मुरी मार्ग पर रांची से 40 किमी दूर जोन्हा जलप्रपात है. गौतम पहाड़ी पर बने इस जलप्रपात को गौतमधारा भी कहा जाता है. यहां भगवान बुद्ध के दो मंदिर है. 140 फीट की ऊंचाई से गिरता झरना स्पॉट के सुरम्य आकर्षण को बढ़ाता है.
कैसे पहुंचेंगे जोन्हाफाल
गौतम पहाड़ी पर स्थित जोन्हाफाल रांची से 40 किमी दूर स्थित है. यह रांची-मुरी मार्ग पर पड़ता है. रेलमार्ग से भी यहां लोग आते हैं. जोन्हा स्टेशन और गौतमधारा स्टेशन यहां से काफी नजदीक है.
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फॉल की ऊंचाई 140 फुट
फॉल की उंचाई 140 फुट है. जोन्हाफॅाल सबसे सुरक्षित पर्यटन स्थल माना जाता है. यहां पर्यटन मित्र और ग्रामीण पर्यटकों के लिए गाइड का काम करते है. यहां तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क है. 500 सीढ़ियां उतरने के बाद मनमोहक दृश्य का आनंद पर्यटक उठाते हैं.
परिवार के साथ वीकेंड पर घूमने का मजा
परिवार के साथ झारखण्ड, बिहार और पश्चिम बंगाल सहित देश के कई हिस्सों से लोग यहां आते हैं. यहां बौद्ध धर्म के कई चिह्न मौजूद हैं. पहाड़ी पर भगवान बुद्ध का एक प्राचीन मंदिर है.
कब बना मंदिर
इस मंदिर का निर्माण सैकड़ों साल पूर्व राजा बलदेवदास बिड़ला ने पहाड़ को खोदकर कराया था. यहां मुख्य मार्ग के किनारे भी मंदीर और धर्माशाला का भी निर्माण कराया गया है. ग्रामीण मंदिर में प्रतिदिन पूजा अर्चना होती है. मान्यता है कि भगवान बुद्ध कभी यहां आए थे, उनके नाम पर ही इस फाल का नाम गौतमधारा पड़ा था. गौतमधारा जोन्हाफाल का ही पुराना नाम है. फॉल के पास भोजन के लिए कैंटिन और कई ढाबे हैं.
रिपोर्ट : जितेंद्र कुमार, अनगड़ा, रांची.