मॉनसून सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को दो विधेयक विधानसभा से पारित हुआ. इसमें झारखंड स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय विधेयक -2023 व झारखंड माल सेवा कर संशोधन विधेयक -2023 शामिल है. झारखंड स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय विधेयक में मुख्यमंत्री को कुलाधिपति बनाने का प्रावधान है. अब तक सरकारी विश्वविद्यालयों में कुलाधिपति राज्यपाल होते थे.
इस विधेयक को प्रवर समिति में भेजने के लिए छह सदस्यों ने प्रस्ताव दिया था, जिसमें विनोद सिंह, लंबोदर महतो, अनंत ओझा, अमर बाउरी, अमित मंडल और रामचंद्र चंद्रवंशी शामिल थे. कुलाधिपति का पद पर राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री को दिये जाने के सवाल पर प्रभारी मंत्री बन्ना गुप्ता ने जवाब दिया.
कहा कि बिहार में एनडीए के शासन काल में विश्वविद्यालयों से संबंधित तीन विधेयक पास हुए थे, वहां भी सीएम को कुलाधिपति बनाया गया था. इसमें वित्त का प्रावधान भी रखा गया है. इससे पहले आजसू विधायक लंबोदर महतो ने कहा कि इससे वित्तीय बोझ बढ़ेगा. इसमें वित्तीय संलेख तक नहीं है. इसमें राज्यपाल का अनुमोदन लेना जरूरी नहीं समझा गया है. माले विधायक विनोद सिंह ने कहा कि बदलाव की क्यों जरूरत पड़ी? अब तक कुलाधिपति राज्यपाल ही रहते रहे हैं.