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झारखंड में वज्रपात से 11 लोगों की मौत, आधा दर्जन घायल, बचाव के लिए इन बातों का ध्यान रखना जरूरी

झारखंड में 11 लोगों की वज्रपात से मौत हो गयी है. जबकि आधा दर्जन से ज्यादा ज्यादा लोग घायल हो गये. इसमें राजधानी में चार, गढ़वा व हजारीबाग में दो और लोहरदगा, खरसावां व गुमला में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गयी.

रांची : झारखंड में विभिन्न जगहों पर वज्रपात से 11 लोगों की जान चल गयी है. राजधानी में चार, गढ़वा व हजारीबाग में दो और लोहरदगा, खरसावां व गुमला में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गयी. राजधानी के बुढ़मू के चकमे निवासी बंधन मुंडा (20), रमेश मुंडा (50) और चांया निवासी जुलफान अंसारी (38) की मौत हो गयी. इसी गांव के आश्रम मुंडा घायल हो गये. घटना दोपहर करीब एक बजे की है.

बंधन, रमेश व आश्रम मुंडा खेत में काम कर रहे थे. इसी दौरान बारिश शुरू हो गयी. बारिश से बचने के लिए तीनों खेत के पास बनी बाल किशुन मुंडा की टूटी-फूटी झोंपड़ी में छिप गये. इसी दौरान वहां वज्रपात हुआ, जिसकी चपेट में तीनों आ गये. बंधन और रमेश मुंडा की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी. वहीं आश्रम मुंडा गंभीर रूप से घायल हो गया.

खेत में काम करने के दौरान वज्रपात की चपेट में आने से चांया निवासी जुलफान अंसारी की मौत हो गयी. तमाड़ के जिलिंगसेरेंग गांव निवासी विश्वनाथ लोहरा की पत्नी रंगोंवती देवी (55) की वज्रपात से शुक्रवार को मौत हो गयी. गढ़वा जिले में गायत्री देवी की वज्रपात से मौत हो गयी. वहीं बेलहथ गांव में जगदीश यादव की मौत हो गयी.

लोहरदगा के कुडू निवासी किसान रिंकू खेत में काम कर रहा था. इसी दौरान वज्रपात से मौत हो गयी. हजारीबाग के बड़कागांव की सिकरी पंचायत निवासी टिकेश्वर महतो की मौत वज्रपात से हो गयी, वहीं जिले के बरही में भी रेखा देवी की वज्रपात से मौत हो गयी. गुमला में भी आजाद उरांव की मौत वज्रपात की चपेट में आने से हो गयी.

पंडरा में कांग्रेस कार्यकर्ता वज्रपात से घायल :

दोपहर में हुए वज्रपात के कारण पंडरा मुसलिम बस्ती निवासी कांग्रेस कार्यकर्ता मोहम्मद आजम जुगनू भी घायल हो गये. जानकारी के अनुसार, उनका इलाज देवकमल अस्पताल में चल रहा है, वे खतरे से बाहर हैं.

वज्रपात से बचने के लिए इन बातों का ध्यान रखें

वज्रपात के दौरान मजबूत छत वाला पक्का मकान सबसे सुरक्षित स्थान है.

वज्रपात से बचने के लिए घरों में तड़ित चालक लगाया जाना चाहिए.

वज्रपात के दौरान घर में पानी का नल, फ्रिज, टेलीफोन आदि इलेक्ट्रिक उपकरण को ना छुएं.

वज्रपात के दौरान बिजली से चलनेवाले उपकरणों को बंद कर दें.

यदि दोपहिया वाहन, साइकिल, ट्रक, ट्रैक्टर व नौका आदि पर सवार हैं, तो तुरंत सुरक्षित स्थान पर चले जाएं.

टेलीफोन व बिजली के पोल के अलावा मोबाइल फोन और टेलीविजन के टावर से दूर रहें.

कपड़ा सुखाने के लिए मेटल तार का प्रयोग न करें, जूट या सूतरी के रस्सी का प्रयोग करें.

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