Jitiya Vrat 2023: मिथिला और वाराणसी पंचांग के अनुसार जीवित्पुत्रिका व्रत का नहाय-खाय गुरुवार को है. हालांकि इस बार बिशुद्ध रूप से अष्टमी तिथि नहीं मिलने के कारण व्रतियों में संशय की स्थिति है. कुछ वाराणसी पंचांग के अनुसार सप्तमी युक्त अष्टमी व्रत करने का विधान बताया गया है, जबकि कुछ का मानना है कि जब बिशुद्ध अष्टमी तिथि नहीं मिल रही है, तो अष्टमी युक्त नवमी को व्रत करना चाहिए. यानी शनिवार को उदया तिथि में अष्टमी मिल रही है, इसलिए शनिवार को ही जितिया व्रत किया जायेगा.
यह है नहाय-खाय का विधान
नहाय-खाय के दिन तेल-खल्ली आदि अर्पित कर नियम निष्ठा शुरू होगी. व्रती मडुआ की रोटी, नोनी साग, मछली ग्रहण करेंगी. शुक्रवार को सूर्योदय से पहले ओठगन करेंगी और शुक्रवार को पूरे दिन व्रत रखेंगी. वाराणसी पंचांग के अनुसार शनिवार सुबह 10:21 तक अष्टमी तिथि है. इसके बाद नवमी तिथि लगेगी, जिसमें पारणा किया जायेगा. मिथिला पंचांग के अनुसार सुबह 10:32 बजे तक अष्टमी तिथि है. इसके बाद से नवमी लगेगा. 10:32 के बाद व्रत का पारणा किया जायेगा.
100 रुपये किलो बिकी नोनी साग
रांची के बाजारों में जीवित्पुत्रिका व्रत को लेकर बुधवार को दिनभर खरीदारी होती रही. मड़ुआ आटा 15 रुपये पाव की दर से बिका. वहीं नोनी साग 10 रुपये प्रति 100 ग्राम के हिसाब से बिकी. खीरा की कीमत 30 से 40 रुपये प्रति किलो रही. वही देसी खीरा 40-60 रुपये की दर से बिका. झिंगी के एक पत्ता की कीमत दो रुपये तक पहुंच गयी. साथ ही सतपुतिया 100 रुपये किलो, खुदरा में 10-15 रुपये 100 ग्राम की दर से बेचा जा रहा था.
सेहत का रखें खास ख्याल
अगर आप जितिया व्रत रखने जा रहे हैं या परिवार की कोई महिला यह व्रत रख रही है तो अपना और उनकी सेहत का ख्याल रखें. अगर व्रत करने वाले व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं तो व्रत करने से बचें क्योंकि यह व्रत निर्जला रखा जाता है और अगले दिन पारण किया जाता है. इस साल यह व्रत 7 अक्तूबर 2023 को शुरू होगा और 08 अक्टूबर तक चलेगा. जिन लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो उन्हें यह व्रत नहीं करना चाहिए, लेकिन अगर आप व्रत रखना चाहते हैं तो आपको डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए. व्रत रखने वाली महिलाओं को व्रत से एक दिन पहले तामसिक भोजन का त्याग कर देना चाहिए. इसलिए लहसुन, प्याज और मांसाहारी भोजन पहले ही त्याग दें.