झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) ने 17 साल बाद 50 पदों के लिए प्रथम उपसमाहर्ता (डिप्टी कलक्टर) सीमित परीक्षा का रिजल्ट शनिवार को जारी किया. कुल 50 पदों में से अनारक्षित में 25 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है. इनमें एक अभ्यर्थी दीपक कुमार मिश्रा को पीएच कोटा में शामिल किया गया है. जबकि, एसटी कैटेगरी में 13, एससी कैटेगरी में 05, बीसी वन में 04 व बीसी टू में 03 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है. जारी रिजल्ट के मुताबिक, अनारक्षित में राजेश कुमार, एसटी में रवींद्रन उरांव, एससी में कमलेश कुमार दास, बीसी वन में मो हुसैन व बीसी टू में लक्ष्मण यादव टॉपर रहे हैं.
आयोग में उक्त नियुक्ति परीक्षा की प्रक्रिया वर्ष 2005 से चल रही थी. इसमें मुख्य रूप से सचिवालय सहित विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मी व अधिकारी शामिल हुए. इनमें से कई रिजल्ट की आस में सेवानिवृत्त भी हो गये. जेपीएससी ने अप्रैल 2005 में नियुक्ति के लिए आवेदन मांगा था. आवेदन मिलने के बाद 23 अप्रैल 2006 को राजधानी के 14 केंद्रों पर परीक्षा ली गयी थी. परीक्षा में लगभग आठ हजार अभ्यर्थी शामिल हुए थे. परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक व कदाचार का मामला पूर्व आइपीएस अधिकारी ओपी खरे व रतन तिर्की ने उठाया था. इसके बाद मामला झारखंड हाइकोर्ट में पहुंच गया. फिर इसे राज्यपाल के पास भेज दिया गया.
पूर्व राज्यपाल सैयद सिब्ते रजी ने इसकी जांच निगरानी से करायी. निगरानी की रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने 12 जून 2013 को परीक्षा को रद्द कर दिया. आयोग ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी. कर्मचारियों व अधिकारियों के दबाव में पुन: राज्य सरकार की पहल पर आयोग से परीक्षा लेने का आग्रह किया गया. आयोग ने 29 अप्रैल 2017 को परीक्षा लेने का निर्णय लिया, लेकिन अपरिहार्य कारणों से परीक्षा नहीं हो पायी. इसके बाद आयोग ने तीन जनवरी 2020 को परीक्षा का सफलतापूर्वक आयोजन किया. इसमें 2400 अभ्यर्थी शामिल हुए. इसके बाद आयोग ने मॉडल उत्तर 10 जनवरी 2020 को जारी किया. मॉडल उत्तर में खामियां की वजह से आयोग ने पुन: 24 जनवरी को संशोधित मॉडल उत्तर जारी किया.